कोरोना काल और लॉकडाउन के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति वैसे ही लगातार डगमगाई हुई है। महीनों तक काम बंद होने की वजह से लोगों की जिंदगी पटरी से उतर गई। इस दौरान परेशानी उन अभिभावकों की बढ़ गई, जिनको लॉकडाउन के दौरान भी अपने बच्चों के स्कूल की फीस भरनी पड़ीं। कोरोना काल में लगे लॉकडाउन की वजह से डेढ़ साल तक स्कूल बंद रहे और इस दौरान बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन जारी रही। जिसके चलते पैरेंट्स को स्कूलों की फीस भी भरने का दबाव बना रहा।
वहीं इस बीच फीस नहीं भरने की वजह से एक बेहद ही चौंका देने वाला मामला सामने आया हैं। आरोप लगा है कि एक स्कूल के प्रिंसिपल ने फीस नहीं बढ़ने पर छात्रा को इस तरह बेइज्जत किया कि सदमे के चलते बच्ची की मौत ही हो गई।
3 महीने से नहीं भरी थी स्कूल की फीस
ये मामला है उत्तर प्रदेश के उन्नाव का। हुआ कुछ यूं कि बच्ची के परिवार की कोरोना काल में आर्थिक स्थिति डगमगा गई थी। जिसके चलते उसके माता पिता स्कूल की फीस नहीं भर पा रहे थे। बताया जा रहा है कि छात्रा की 3 महीने की फीस पेडिंग थी। जिसे माफ कराने के लिए ही वो गुरुवार को प्रार्थना पत्र लेकर स्कूल पहुंची।
प्रार्थना पत्र लेकर स्कूल पहुंची छात्रा तो…
इस दौरान आरोप है कि छात्रा को स्कूल के प्रिंसिपल ने माफी पत्र स्वीकार करने से इनकार कर दिया। साथ ही छात्रा को इस दौरान अपमानित भी किया और एग्जाम में बैठने देने से मना कर दिया। प्रिंसिपल के इस बर्ताव से छात्रा को बड़ा झटका लगा। वो रोते-रोते अपने घर पहुंची और इस दौरान बेहोश हो गई। जिसके बाद आनन-फानन में घरवाले उसे लेकर अस्पताल गए। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मृतक बच्ची का नाम स्मृति बताया जा रहा है, जो एबीनगर मोहल्ला के सरस्वती विद्या मंदिर में कक्षा दस की छात्रा थीं। स्मृति और उसका परिवार उन्नाव के आर्दश नगर कॉलोनी में रहता था। उसकी मौत से परिवार में कोहराम मच गया। स्मृति अपने माता पिता की इकलौती संतान थीं।
पिता ने लगाए ये गंभीर आरोप
जानकारी के मुताबिक स्मृति के पास काम नहीं था, जिसकी वजह से उनका परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा था। बच्ची के पिता फैक्ट्री में काम करते थे, लेकिन कोरोना की वजह से उनकी नौकरी चली गई थी। इसलिए वो बच्ची के स्कूल की फीस नहीं भर पा रहे थे। पिता की शिकायत के अनुसार उन्होंने प्रिंसिपल से फीस भरने के लिए थोड़ा समय मांगा था। उनकी बेटी एप्लिकेशन लेकर स्कूल भी गई थी, लेकिन उसको बाहर निकाल दिया गया। पिता के आरोपों के अनुसार प्रिंसिपल ने उनको फीस भरने का वक्त नहीं दिया और एग्जाम में नहीं बैठने की बात बोलकर अपमानित करते हुए बाहर निकाल दिया। पीड़ित पिता के अनुसार बच्ची के दिमाग पर बहुत ज्यादा प्रेशर होने और तेज गर्मी की वजह से वो घर पहुंचकर जमीन पर गिर पड़ी और उसकी मौत हो गई।
सफाई देते हुए प्रिसिंपल ने ये कहा
वहीं प्रिंसिपल सत्येंद्र कुमार ने मामले पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि बुधवार को छात्रा की मां ने 2 हजार रुपये जमा किए थे। उन्होंने फीस माफी की मांग की, तो उसने अर्जी मांगी गई। जिसे बच्ची लेकर स्कूल आई और करीब 50 मिनट वहां रुकी। बच्ची को पहले से ही चक्कर आते थे। इस बात को परिवार ने भी स्वीकार किया है। मैं घरवालों से मिलने भी गया था। फीस की बात कभी बच्चों से नहीं बल्कि अभिभावकों से की जाती है।
वहीं पुलिस ने बच्ची के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इसके अलावा प्रिंसिपल पर केस भी दर्ज किया जा चुका है। पुलिस का कहना है कि वो पिता की शिकायत पर मामले को लेकर आगे की कार्रवाई कर रही है।