देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) में बगावत के सुर उभर आए हैं। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इन दिनों खुद ही कांग्रेस को निशाने पर ले रहे है। कांग्रेस के 23 नेताओं ने अगस्त 2020 में पार्टी आलाकमान को पत्र लिखकर संगठन में बदलाव करने की मांग की थी। तब से ही कथित तौर पर पार्टी की जड़े डगमगानी शुरु हो गई है
पिछले दिनों इन नेताओं ने जम्मू-कश्मीर में पार्टी नेतृत्व को लेकर आवाज बुलंद किए थे। उसके बाद एक सभा में G-23 के नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की।
वहीं, दूसरी ओर G-23 में शामिल कांग्रेस के दिग्गज नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के गठबंधन को लेकर पार्टी की विचारधारा पर ही सवाल उठाए दिए। जिसके बाद से घमासान मचा हुआ है। अब G-23 के ही कई नेताओं ने अपने साथियों के आचरण पर आपत्ति जताई है।
आजाद के संपर्क में नहीं है संदीप दीक्षित
खबरों के मुताबिक G-23 में शामिल कांग्रेस के पूर्व लोकसभा सांसद संदीप दीक्षित (Sandeep Dikshit) ने कहा, ‘कोई समूह नहीं है। 23 नेताओं ने पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। अब वे क्या कर रहे हैं…ये 5-6 कुछ कर रहे होंगे। यह एक समूह नहीं है, यह सिर्फ उन लोगों की जगह है जिन्होंने एक राय जाहिर की। हम उस राय के साथ खड़े हैं, अब समूह के लोग या समूह के भीतर बने समूह क्या कर रहे हैं, यह वो जानें।‘
गुलाम नबी आजाद द्वारा पीएम मोदी की प्रशंसा को लेकर दीक्षित ने कहा, उन्हें विश्वास नहीं है कि आजाद ने मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि वह आजाद के संपर्क में नहीं हैं।
‘सोनिया गांधी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा’
कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह (Ajay Singh) का कहना है कि ‘सभी मंचों के चुनाव के संबंध में जो मुद्दे उठाए गए थे। उस में मैं एक हिस्सा हूं और मुझे यह कहने में कोई दिलचस्पी नहीं है कि प्रधानमंत्री बहुत अच्छे हैं। हमारी चिट्ठी पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र के लिए थी। मुझे सोनिया गांधी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है, यह बात पत्र में भी कही गई है।‘
इस नेता को जम्मू की घटना की जानकारी नहीं
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीजे कुरियन (P.J. Kurien) ने कहा, ‘उनकी गतिविधियां कांग्रेस को मजबूत करने की हद तक ठीक हैं लेकिन यह असंतुष्टों की गतिविधि नहीं बननी चाहिए। निश्चित रूप से, कांग्रेस में सुधार की आवश्यकता है…और अगर गतिविधियां उस दिशा में हैं तो मैं इसके साथ हूं। उन्हें यह बात ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए।‘
उन्होंने आगे कहा कि मुझे जम्मू के घटना की जानकारी नहीं है। जब मुझे पूरी जानकारी मिल जाएगी, तभी मैं कह सकता हूं कि यह एक असंतुष्टों की गतिविधि थी या पार्टी को मजबूत करने का प्रयास था। कुरियन ने कहा हमें लक्ष्मण रेखा का हमेशा पालन करना होगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दी प्रतिक्रिया
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री एम वीरप्पा मोइली (Veerapa Moily) ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि G-23, G-20 जैसी कोई संस्था नहीं है। उन्होंने कहा है कि जब 5 राज्यों में चुनाव होने वाले हैं तो पार्टी से संबंधित किसी भी मामले पर चर्चा करने के लिए यह उपयुक्त समय नहीं है। जैसे ही हमने ज्ञापन दिया, मैडम सोनिया गांधी ने तुरंत कार्य समिति की बैठक बुलाई।