उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में भर्ती की मांग को लेकर अभ्यर्थी सड़कों पर हैं। वो सरकार तक अपनी मांग पहुंचाने के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन उनकी बातों .को सुनने की जगह सरेआम धमकी दी जा रही है। डराने-धमकाने की कोशिश हो रही है। पुलिस इन अभ्यर्थियों के साथ अभद्र व्यवहार करती हुई नजर आ रही है।
इंस्पेक्टर ने सरेआम दी धमकी
लखनऊ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। जिसमें एक इंस्पेक्टर सरेआम अभ्यर्थियों को धमकाते हुए, उनके साथ गाली-गलौज करत हुए नजर आ रहे हैं। वो धमकी देते हुए ये कहते नजर आए कि “भो… इतने मुकदमे लाद दूंगा कि दिमाग ठीक हो जाएगा।” इन इंस्पेक्टर का नाम है श्यामबाबू शुक्ला।
यूं सरेआम धमकी देते गालीबाज इंस्पेक्टर का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। जिसके बाद यूपी पुलिस की छवि एक बार फिर से खराब हो रही है। लोग कहते नजर आ रहे हैं कि आखिर पुलिस को इस तरह का बर्ताव करने का हक किसने दिया?
समर्थन में पहुंचे पूर्व IAS
पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह भी ये वीडियो देखने के बाद यूपी पुलिस पर जमकर बरसते हुए नजर आए। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा- “कान खोल कर सुन ले उत्तरप्रदेश पुलिस! छात्र भी भविष्य का DM, कप्तान, अधिकारी है…अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है, तुम्हारी गाली नहीं सुनेगा, ये बर्दाश्त नहीं करेगा।”
यही नहीं सूर्य प्रताप सिंह तो प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का हौसला बढ़ाने के लिए बीते दिन उनके बीच भी पहुंचे। मंगलवार शाम को निशातगंज स्थित एससीआरटी कार्यालय पर पहुंचे, उन्होंने अभ्यर्थियों का समर्थन किया। साथ ही इस दौरान उन्होंने कहा कि लखनऊ पुलिस को छात्रों से माफी मांगनी चाहिए।
पूर्व IAS ने कहा- “आज लखनऊ में छात्रों के साथ! कई दिनों से छात्र भूखे-प्यासे संघर्ष कर रहे हैं, ना कोई पूछने वाला है और ना कोई सुनने वाला। ये बच्चे पीड़ित हैं, शोषित हैं और आप ही के हैं, इनके साथ परायों जैसा व्यवहार मत करिए। इन गालियां देने से, धमकाने से कुछ नहीं होगा, इन्हें समाधान चाहिए।”
इस दौरान वो अभ्यर्थियों से बात करते हुए भी नजर आए। सूर्य प्रताप सिंह ने एक वीडियो को भी अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया, जिसमें एक लड़की उन्हें रोते हुए अपनी समस्याएं बता रही थीं। वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा- “निशब्द हूँ, असहाय हूं! बेटी के आंसुओं का दर्द समझता हूं, आज इनकी मांगे पूरी कर सकूं इतनी हैसियत तो नहीं है, पर अंतिम सांसों तो इन आंसुओं का क़र्ज चुकाऊंगा। आज छात्रों की पीड़ा देखकर दिल भारी हो गया, इनके संघर्ष को समझिए, इनके आंसुओं में छात्र जीवन की पीड़ा देखिए।”
प्रदर्शन की वजह क्या है?
गौरतलब है कि यूपी में प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए चल रही 69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया लगातार विवादों में हैं।
प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर ये प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थी खाली पदों को भरने की मांग कर रहे है। अभ्यर्थियों के एक समूह की मांग है कि वर्तमान सरकार की 68500 पदों की भर्ती में करीब 22 हजार पद खाली रह गए थे। इन पदों को 69 हजार भर्ती में जोड़ा जाए।
जबकि 69 हजार शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। वो भर्ती में आरक्षण घोटाले के आरोप लगा रहे हैं। इसके लिए 5 जुलाई को उन्होंने बेसिक शिक्षा मंत्री से भी मुलाकात की थी। मंत्री ने अभ्यर्थियों के सामने आंकड़े रखकर बताया था कि कहा कि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई।