असम में भारी बारिश के कहर के चलते बाढ़ की स्थिती पैदा हो गई। बीते कई दिनों से लगातार हो रही बारिश थमने का नाम ही नहीं ले रही, जिसके चलते राज्य का लगभग 90 फीसदी इलाका तबाह हो गया है। बुधवार को भी बाढ़ की स्थिती ज्यो-की-त्यो रही। ऐसे में कई घर डूब गए साथ ही बाढ़ में कई लोगों की जान चली गई।
दरअसल, कई दिनों से ढह रहा बारिश का कहर बुधवार को भी जारी रहा। इस बीच 4 बच्चों समेत 12 लोगों की मौत हो गई। जिसके चलते अब तक कुल 100 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में असम राज्य के 34 में से 32 जिलों में 54.57 लाख लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बाढ़ की चपेट में आए लोगों के घर-बार तहस-नहस हो गए। आर्थिक रूप से भी बहुत नुकसान पहुंचा है। बाढ़ से प्रभावित ज्यादातर परिवारों ने अपना सबकुछ खो दिया है।
बाढ़ ने मचाई भीषण तबाही
असम के पूरे इलाके में बाढ़ ने भीषण तबाही (Disaster) मचाई है। हर तरफ पानी ही पानी है। नदियां उफान पर है। लोग किसी ना किसी तरह जरूरत का सामान जुटाने पर मजबूर हैं। बाढ़ ने कई घरों को पूरी तरह से उजाड़ दिया है। असम में भारी बारिश और ब्रह्मपुत्र से अतिरिक्त पानी बहने के कारण गुवाहाटी में नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है।
सीएम हिमंत बिस्वा ने किया दौरा
वहीं बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद सरकार बाढ़ के कारणों का स्थायी समाधान निकालने के लिए कदम उठाएगी। बाढ़ के कारण हालत बदतर है। ऐसी स्थिती में सेना और राष्ट्रीय व राज्य आपदा प्रतिक्रिया एजेंसियां बाढ़ प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं।
ASDMA ने बाढ़ में हुई मौत के दिए आंकड़ें
बाढ़ की चपेट में आने से जान माल का भारी नुकसान हुआ है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अधिकारियों ने कहा कि पांच जिलों से 12 लोगों की मौत हुई है, जिनमें चार होजई में और तीन नलबाड़ी जिलों में हैं। एएसडीएमए के अधिकारियों के मुताबिक, इस साल अप्रैल से अब तक बाढ़ में 83 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 17 अन्य लोग भूस्खलन में मारे गए हैं।
प्रभावित लोगों के लिए किए गए इंतजाम
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) अधिकारियों के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 4,941 गांवों के 11,67, 219 बच्चों सहित 54,57,601 लोग प्रभावित हुए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में कुल 845 राहत शिविर और 1,026 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं। इन राहत शिविरों में कुल 2,71,125 लोग रह रहे हैं, जबकि 99,026 हेक्टेयर से अधिक फसल को नुकसान पहुंचा है। तीन नदियों- ब्रह्मपुत्र, कोपिली और दिसांग का पानी कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।
आपदा का विक्रराल रूप दिखा
बता दें कि पूर्वोत्तर के राज्यों में बाढ़ का असर बढ़ता जा रहा है। खासतौर पर असम और मेघालय में आपदा का सबसे विकराल रूप दिखने को मिल रहा है। असम के 34 जिलों में से 32 बाढ़ से ग्रसित हैं। असम और मेघालय में भीषण बाढ़ की वजह से जान माल का भारी नुकसान हुआ है और जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। अभी तक 100 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 54 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।