रिपब्लिक डे के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर रैली कई जगहों पर हिंसक रूप ले चुकी हैं। इस रैली के दौरान दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर किसानों और पुलिस के बीच झड़प देखने को मिली। प्रदर्शन कर रहे किसान कई जगहों पर बैरिकेडिंग तोड़ते हुए दिल्ली में घुस गए। इस दौरान भारी बवाल लगातार देखने को मिल रहा है।
कई जगहों पर उग्र हुआ प्रदर्शन
दिल्ली के ITO समेत कई जगहों पर भारी बवाल मचा। प्रदर्शनकारी किसानों ने तोड़फोड़ भी की। जिसके चलते हालातों को काबू में लाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया।
लाल किले पर फहराया गया झंडा
सिर्फ यही नहीं कुछ प्रदर्शनकारी किसान तो लाल किले पर भी पहुंच गए। आंदोलनकारियों ने लाल किले की प्राचीर से अपने संगठन का झंडा फहरा दिया। यह झंडा वहां फहराया गया है, जहां 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं। इसके अलावा दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर, अक्षरधाम समेत कई जगहों पर भी किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष होता हुआ देखने को मिला।
एक ट्रैक्टर चालक की मौत
इस हंगामे के बीच दिल्ली के DDU मार्ग पर एक व्यक्ति की मौत की खबर भी आ रही है। जानकारी के मुताबिक ट्रैक्टर पलटने की वजह से ड्राइवर की मौत हो गई। चालन की मौत हो जाने के बाद प्रदर्शनकारी इस जगहों पर जमकर हंगामा किया।
कई मेट्रो स्टेशन बंद
हालात इतने बिगड़े दिल्ली में भारी बवाल के चलते कुछ मेट्रो स्ट्रेशन को भी बंद करना पड़ा। दिल्ली मेट्रो की ग्रीन लाइन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया, जबकि येलो लाइन बंद किए गए। येलो लाइन के समयपुर बादली, रोहिणी सेक्टर-18 व 19, हैदरपुर बादली मोर, जहांगीर पुरी, आदर्श नगर, आजादपुर, मॉडल टाउन, जीटीबी नगर, विश्वविद्यालय, विधानसभा और सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया है। यानी इस स्टेशन पर लोग एंट्री और एग्जिट नहीं कर सकते। वहीं ग्रीन लाइन पूरी तरह से बंद है।
गौरतलब है कि एक तरफ जहां देश अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना जा रहा हैं। वहीं दूसरी ओर किसानों और पुलिस के बीच झड़प की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन बीते 2 महीनों से जारी हैं। किसान दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए है।
लेकिन इसी बीच प्रदर्शनकारी किसानों ने ये फैसला लिया था कि वो 26 जनवरी यानी रिपब्लिक डे के दिन अपनी ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। दिल्ली पुलिस ने किसानों को रैली निकालने की इजाजत तो दी थी, लेकिन सिर्फ तीन ही रूट पर। प्रदर्शनकारी किसानों ने इस आदेश का पालन नहीं किया और तय रूट से अलग रूट पर मार्च निकाला।