Farmer Protest Updates: पंजाब में किसानों और सरकार के बीच टकराव लगातार गहराता जा रहा है। 5 मार्च को चंडीगढ़ में प्रस्तावित किसान धरने से पहले पुलिस ने कई किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी कर उन्हें हिरासत में ले लिया है। सरकार और किसान संगठनों के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है, जिससे राज्य में तनावपूर्ण माहौल बन गया है।
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किसान नेताओं पर शिकंजा, कई हिरासत में (Farmer Protest Updates)
पंजाब पुलिस ने किसान नेता कुलवंत सिंह को थाना पत्तरां के मौलवीवाला गांव में नजरबंद कर दिया। कुलवंत सिंह कुल हिंद किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं और संयुक्त किसान मोर्चा का अहम हिस्सा माने जाते हैं। सुबह पुलिस ने छापा मारकर उन्हें बाहर निकलने से रोक दिया। इसके अलावा किरती किसान यूनियन के ब्लॉक नेता दलजिंदर सिंह हरियाऊ को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
भारतीय किसान यूनियन उगराहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां के घर पर भी पुलिस पहुंची, लेकिन वे वहां मौजूद नहीं थे। बरनाला जिले समेत कई इलाकों में पुलिस ने किसान नेताओं के घरों पर छापे मारे और कई किसानों को हिरासत में ले लिया।
किसानों का आरोप – सरकार दमनकारी नीति अपना रही
किसान नेताओं ने सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि पंजाब सरकार दिल्ली में हुई हार का बदला किसानों से ले रही है। उन्होंने कहा,
“राज्य में लोग सरकार की नीतियों, बढ़ते नशे और भ्रष्टाचार से परेशान हो चुके हैं। लेकिन जब किसान अपनी आवाज उठाने के लिए आगे आते हैं, तो उन्हें दबाने की कोशिश की जाती है।”
सरवन सिंह पंधेर ने मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकार से सवाल किया –
“तीन साल में किए गए कामों का हिसाब दें, किसानों को अपने लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित न करें।”
केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने पंजाब सरकार को घेरा
इस पूरे घटनाक्रम पर केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भी पंजाब सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा,
“भगवंत मान की सरकार ने पंजाब में इमरजेंसी जैसे हालात बना दिए हैं। किसानों के मुद्दों पर सरकार की असफलता सामने आ चुकी है, और अब पुलिस के जरिए आंदोलन को कुचलने की कोशिश की जा रही है।”
बैठक में हुई तीखी बहस, बीच में ही उठकर चले गए मुख्यमंत्री
इससे पहले, सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान और किसान नेताओं के बीच बैठक हुई थी। लेकिन बातचीत के दौरान जब मुद्दों पर तीखी बहस शुरू हुई, तो मुख्यमंत्री भगवंत मान बैठक छोड़कर चले गए। किसान संगठनों ने इसे गंभीर अनदेखी और किसानों का अपमान बताया।
अब किसान यूनियन इस पुलिस कार्रवाई का विरोध करने की रणनीति तैयार कर रही है। आंदोलनकारियों ने साफ कर दिया है कि वे 5 मार्च के प्रदर्शन को रोकने नहीं देंगे और सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर डटे रहेंगे।
क्या होगा आगे?
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद किसान संगठन और आक्रामक हो सकते हैं। सरकार का रुख सख्त है, लेकिन किसान भी पीछे हटने को तैयार नहीं। अब देखना यह होगा कि क्या यह टकराव किसी समाधान की ओर बढ़ता है या फिर पंजाब में किसान आंदोलन का एक नया दौर शुरू होता है।