देश में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन जारी है। आने वाले 26 जून को इस आंदोलन के 7 महीनें पूरे हो जाएंगे। किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि आंदोलन के 7 महीनें पूरे होने वाले दिन किसान सभी राज्यों में राजभवन का घेराव करेंगे और राज्यपाल को ज्ञापन सौपेंगे।
दिल्ली के बॉर्डरों पर किसान नवंबर 2020 से ही लगातार आंदोलन कर रहे हैं। किसान नेता लगातार कई राज्यों में जाकर अन्य नेताओं से मुलाकात करते हुए भी दिख रहे हैं। जिसे लेकर अब सवाल उठने शुरु हो गए हैं।
इसी बीच भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने भारतीय किसान यूनियन के नेता और प्रवक्ता राकेश टिकैत को निशाने पर लिया है। साथ ही उन्होंने आंदोलन को भटक जाने और भ्रष्टाचार की गिरफ्त में आ जाने का आरोप लगाया है।
पहले किसान आंदोलन का हिस्सा थे भानु प्रताप
नवंबर 2020 से किसान आंदोलन का हिस्सा रहे भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने जनवरी 2021 के अंत में प्रेस कांफ्रेंस कर अपने आंदोलन को खत्म करने का ऐलान किया था। अब इस किसान यूनियन के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह किसान आंदोलन पर कई तरह के आरोप लगाते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘आंदोलन की जब शुरुआत हुई थी, तब उसमें नैतिकता थी, लेकिन धीरे-धीरे यह धनकमाऊं लोगों के हाथ में आ गया। आज जो नेता इसे चला रहे हैं, वे पैसे वसूली में लग गए हैं।‘
ममता बनर्जी से पैसे लेने बंगाल गए थे टिकैत
किसान नेता ने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान आंदोलन का केंद्र बन चुके राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए भानु प्रताप सिंह ने कहा, ‘राकेश टिकैत और उनके साथियों का हमेशा से यही काम रहा है, आंदोलन को बेचना और अपना पेट भरना। वे यहां आंदोलन कर रहे थे तब कांग्रेस की फंडिंग चल रही थी। वे बंगाल में ममता बनर्जी से पैसे लेने गए थे।‘
उन्होंने कहा कि ‘अब किसान आंदोलन राकेश टिकैत के हाथ में है। वह धन वसूली कर रहे हैं। पहले कांग्रेस से वसूला, अब तृणमूल कांग्रेस की शरण में गए हैं। बंगाल जाकर ममता बनर्जी से फंड के बारे में बातें कीं। वे शुरू से यही काम करते रहे हैं।‘
हाल ही ममता बनर्जी से मिले थे राकेश टिकैत
बता दें, किसान नेता राकेश टिकैत ने हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। ममता बनर्जी शुरु से ही किसानों के समर्थन में रही है और किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर लेती रही है। वहीं, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राकेश टिकैत ने राज्य में कई जगहों पर महापंचायत को संबोधित किया था।
सीएम बनर्जी से मुलाकात के बाद टिकैत ने ममता बनर्जी को लेकर कहा था कि ‘जो तीन काले कानून आ रहे हैं, वह उनके विरोध में हैं। उन्होंने पहले भी किसानों को समर्थन दिया है और बताया कि वह अब भी किसानों के साथ खड़ी हैं। हमने उनसे यह कहा है कि देश में विपक्ष काफी कमजोर है। अगर देश में विपक्ष मजबूत होता तो हमें सड़क पर बैठने की जरूरत ही नहीं होती।‘