वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा (Senior Journalist Mahesh Langa) को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच (Ahmedabad Crime Branch) ने फर्जी कंपनियों के जरिए फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) हासिल करने से जुड़े जीएसटी धोखाधड़ी मामले में मंगलवार को गिरफ्तार किया। लांगा का नाम सीधे तौर पर एफआईआर में नहीं था, लेकिन उनकी पत्नी और उनके एक रिश्तेदार का नाम कथित धोखाधड़ी वाले लेनदेन में शामिल कंपनियों से जुड़ा पाया गया। सूत्रों ने बताया कि लांगा के घर से 20 लाख रुपये नकद, कुछ सोने के आभूषण और जमीन के कागजात भी बरामद किए गए हैं।
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अभी तक की रिपोर्ट के मुताबिक लैंगा के खिलाफ आरोपों की जांच अभी भी जारी है। यह मामला आर्थिक अपराध से जुड़ा है और इसमें कई अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। इस मामले से जुड़ा कोई अंतिम फैसला अभी तक सामने नहीं आया है।
महेश लांगा केस- Journalist Mahesh Langa case
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय जीएसटी विभाग ने शिकायत दर्ज की और इसके परिणामस्वरूप अहमदाबाद, जूनागढ़, सूरत, खेड़ा और भावनगर में 14 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप गिरफ्तारियां हुईं। क्राइम ब्रांच के अनुसार, उन्हें व्यापक धोखाधड़ी के बारे में पता चला है। क्राइम ब्रांच का दावा है कि इसमें 200 से अधिक बेनामी संस्थाओं का नेटवर्क शामिल है। कहा जाता है कि इन कंपनियों ने फर्जी नामों और दस्तावेजों का उपयोग करके कर चोरी को सक्षम किया है। इसके अतिरिक्त, यह दावा किया जाता है कि यह नेटवर्क “इनपुट टैक्स क्रेडिट” का लाभ उठाने और सरकार के खजाने को चुराने के लिए फर्जी लेनदेन का उपयोग कर रहा था।
इसके अलावा, महेश लंगा के पिता और पत्नी के नाम से फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। ऐसी अफवाहें हैं कि इन फर्जी कंपनियों में संदिग्ध लेनदेन के लिए इनका इस्तेमाल किया गया था। क्राइम ब्रांच की ओर से जारी बयान के अनुसार, “शुरुआती जांच से पता चलता है कि फर्जी बिलिंग, फर्जी दस्तावेज और झूठे बयानों के जरिए सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाने की साजिश रची गई थी।” पुलिस उपायुक्त (अपराध) के अनुसार, ‘द हिंदू’ अखबार के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राजियन को गहन पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया। मामले के संबंध में, क्राइम ब्रांच ने ध्रुवी एंटरप्राइज, ओम कंस्ट्रक्शन, राज इंफ्रा, हरीश कंस्ट्रक्शन कंपनी और डीए एंटरप्राइज सहित कई व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ औपचारिक शिकायत (एफआईआर) भी दर्ज की है।
द हिंदू की ओर से आया रिएक्शन
मामले में ‘द हिंदू’ के संपादक सुरेश नंबथ ने सोशल मीडिया ब्लू स्काई पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की है। उन्होंने कहा- ‘हमारे एक पत्रकार महेश लांगा को अहमदाबाद सिटी पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सेंट्रल जीएसटी की शिकायत पर गिरफ्तार किया है। हमें मामले की मेरिट के बारे में जानकारी नहीं है। हालांकि, यह द हिंदू में प्रकाशित उनकी रिपोर्ट से जुड़ा मामला नहीं है।’
One of our journalists, Mahesh Langa, has been arrested by the Crime Branch of the Ahmedabad City Police on a complaint registered by the Central GST. While we have no details about the merits of the case, we are given to understand that this is not related to his reports published in The Hindu.
— Suresh Nambath (@nambath.bsky.social) October 9, 2024 at 11:35 AM
सुरेश नंबथ ने आगे कहा- ‘हम अहमदाबाद स्थित गुजरात संवाददाता के रूप में द हिंदू के लिए उनके (महेश लंगा) पेशेवर काम की सराहना करते हैं। हमें उम्मीद है कि कहीं भी किसी पत्रकार को उसके काम के लिए निशाना नहीं बनाया जाएगा, और हमें उम्मीद है कि जांच निष्पक्ष और तेजी से की जाएगी। सुरेश नंबथ, संपादक‘
इनपुट टैक्स क्रेडिट क्या है?
अब सवाल यह है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input Tax Credit) क्या है? दरअसल, इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) वह टैक्स है जो एक कारोबारी अपनी खरीद पर चुकाता है और जिसका इस्तेमाल वह बेचते समय अपने टैक्स को कम करने के लिए कर सकता है।
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