पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 (West Bengal Election 2021) की गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही है। इस चुनाव में बीजेपी और सत्ताधारी टीएमसी के बीच जबरस्त मुकाबला होने के कयास लगाए जा रहे हैं। लेफ्ट-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन भी अपनी पूरी तैयारियों के साथ चुनावी दंगल में है। सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता लगातार जनसभा और रैलियों को संबोधित कर रहे हैं।
नंदीग्राम में हुई घटना के बाद अब ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) व्हीलचेयर पर ही चुनाव प्रचार करती नजर आ रही है। पिछले दिनों उन्होंने चुनाव प्रचार पर बीजेपी के साथ सांठ-गांठ होने का आरोप लगाया था। जिस पर अब चुनाव आयोग की ओर से ऐतराज जताया गया है और कड़ी प्रतिक्रिया भी दी है।
…चुनाव आयोग के महत्व को घटाने की कोशिश
खबरों के मुताबिक उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन (Sudeep Jain) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक चिट्ठी लिखी है। जिसमें कहा गया, आयोग इस बात को कतई पसंद नहीं करेगा कि किसी राजनीतिक दल से कथित निकटता को लेकर उसे सवालों के कठघरे में खड़ा किया जाए। आयोग की ओर से कहा गया कि 17 दिसंबर 2020 तक दिल्ली और कोलकाता में टीएमसी के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के बावजूद मुख्यमंत्री द्वारा आयोग को राजनीतिक दलों से मिलने का सुझाव देना गलत है। यह चुनाव आयोग के महत्व को घटाने की कोशिश होगी।
ममता बनर्जी ने बोला था हमला
दरअसल, ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बीते दिन मंगलवार को बांकुडा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी और चुनाव आयोग पर जमकर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि ‘क्या आयोग बीजेपी का राजनीतिक हथियार बनकर रह गया है? क्या अमित शाह निर्वाचन आयोग को चला रहे हैं? आयोग की स्वतंत्रता कहां गई?’
सीएम बनर्जी ने आगे कहा था कि बीजेपी उनकी हत्या की साजिश रच रही है क्योंकि नंदीग्राम में पिछले सप्ताह उनके घायल होने के बाद निर्वाचन आयोग ने उनके सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय को हटा दिया था। उन्होंने कहा, अगर बीजेपी चुनाव आयोग के कामकाज में दखल बंद नहीं करती तो वह आयोग के बाहर धरना देंगी।