जल्द ही देश में पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने है। जिनकी तारीखों का अगले कुछ दिनों में ऐलान भी होना है, लेकिन इन चुनावों से पहले कोरोना ने देश में एक बार फिर तेजी से पैर पसारना शुरू कर दिया। ओमीक्रोन के केस जिस स्पीड से बढ़ रहे है, उसकी वजह से थर्ड वेव का खतरा देश पर मंडरा रहा है। यही वजह है कि पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को कुछ समय के लिए टालने की अपील भी की जाने लगी है।
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 टालने का सुझाव दिया था। जिसके बाद इसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई कि क्या अगले साल होने वाले चुनाव टलेंगे या नहीं?
आज होगी बेहद ही अहम मीटिंग
इस बीच इसको लेकर आज एक अहम मीटिंग होनी है, जिसमें चुनावों को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। ये मीटिंग चुनाव आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच होगी। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के साथ ही चुनाव आयोग के अधिकारी भी शामिल होंगे। इस दौरान पांचों राज्यों में कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं और ओमीक्रोन संक्रमण के खतरे पर मंथन किया जाएगा। इस मीटिंग के बाद ही 2022 चुनावों को लेकर स्थिति साफ हो सकेगी।
हाईकोर्ट के फैसले को मानेगा चुनाव आयोग?
इलाहाबाद हाईकोर्ट के चुनाव टालने के सुझाव के बाद चुनाव आयोग से भी इस पर बड़ा बयान सामने आया था। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया था कि वो जल्द ही यूपी के दौरे पर जाने वाले है। वहां हालातों का जायजा लेकर ही वो इस पर कुछ निर्णय लेंगे।
अब तक मिल रहे ये संकेत
वैसे अब तक जो संकेत मिल रहे है, उसके मुताबिक चुनाव टलने की संभावना कम ही है। दरअसल, अगर चुनाव टाले जाते है, तो कई तरह के फैसले लेने पड़ेगे। जैसे जिन राज्यों में विधानसभा का कार्यकाल पूरा जाएगा, वहां राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ेगा। साथ में नई तरीके से तैयारियां भी करनी होगी। हालांकि ये संभावना जरूर है कि कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए सख्ती बढ़ा दी जाए।
बीते साल पश्चिम बंगाल के साथ कई राज्यों में चुनाव हुए थे। इन चुनावों के दौरान ही देश ने कोरोना की भयंकर दूसरी लहर का सामना किया। रैलियों, रोड शो में बहुत बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठी हुई और इसके बाद देश में क्या हालात बने, ये हर किसी ने देखा। इसको लेकर चुनाव आयोग को काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था। आयोग नहीं चाहेगा कि पिछली बार जैसे हालात फिर बने, इसलिए इन बार चुनावों में कुछ सख्तियां जरूर बरती जा सकती है। देखना होगा कि चुनाव आयोग की तरफ से पांचों राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर क्या फैसला लिया जाता है?