सोमवार को चुनाव आयोग को मद्रास हाई कोर्ट से कड़ी फटकार लगी थीं। जब कोरोना की दूसरी लहर के चलते देश में वायरस का विस्फोट होने लगा, तब बंगाल समेत कई राज्यों में चुनाव का माहौल था। इन चुनाव के प्रचार में कोरोना के नियमों की खूब धज्जियां उड़ाई गई। रैलियों में जमकर भीड़ जुट रही थीं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तो दूर रैलियों में मौजूद लोगों के मुंह पर मास्क तक नजर नहीं आ रहा था।
दूसरी लहर के लिए EC को बताया जिम्मेदार
रैलियों में जमकर उड़ी कोरोना के नियमों की धज्जियों पर चुनाव आयोग ने भी कोई सख्त एक्शन नहीं लिया। जिसके चलते सोमवार को मद्रास हाई कोर्ट से चुनाव आयोग को जमकर फटकार लगी। हाई कोर्ट ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर का जिम्मेदार चुनाव आयोग ही है। यही नहीं हाई कोर्ट की तरफ से तो ये भी कहा कि इसके लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों पर हत्या का केस चलना चाहिए।
फटकार का दिखा असर
मद्रास हाई कोर्ट की तरफ से पड़ी इस फटकार का असर भी अब पड़ने लगा है। 2 मई को पांच राज्यों के चुनावों की होने वाली मतगणना को लेकर अब चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है। चुनाव आयोग ने नतीजों के बाद किसी भी तरह के विजय जुलूस या जश्न पर पूरी तरह से बैन लगा दिया। यानि जो भी पार्टी चुनावों में जीते, वो इसका जश्न नहीं मनाएगी।
नतीजों के बाद जो भी प्रत्याशी जीत हासिल करेगा, वो केवल 2 लोगों के साथ अपनी जीत का सर्टिफिकेट लेने आ सकता है। वहीं इसके लिए मतगणना को लेकर आयोग की तरफ से और भी कुछ कड़े फैसले लिए जा सकते हैं, जिसके लिए जल्द गाइडलाइंस जारी होने की संभावना हैं।
कोरोना काल में होती रही रैलियां
जानकारी के लिए आपको बता दें कि देश के चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में बीते दिनों वोटिंग हुई थीं। इसमें पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी शामिल है। बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों में वोटिंग 6 अप्रैल को ही खत्म हो गई। बंगाल में भी अब आठ में से एक ही चरण के चुनाव बाकी रह गए है, जो 29 अप्रैल को होंगे। 2 मई को इन सभी राज्यों में चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे।
रैलियों, रोड शो में जिस तरह से भीड़ इकट्ठी हो रही थीं, उसको लोग लगातार सवाल उठ रहे थे। बंगाल में सांतवें चरण के चुनाव से पहले चुनाव आयोग हरकत में आया और बड़ी रैलियों, रोड शो और पदयात्रा पर रोक लगाई। सभी पार्टियों से वर्चुअली रैलियों को संबोधित करने को कहा। इसके अलावा वोटिंग से 72 घंटें पहले ही प्रचार खत्म करने का निर्देश दिया गया है।
बता दें कि कोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार लगाने के साथ ही 2 मई को होने वाली मतगणना के लिए वॉर्निंग भी दी थीं। कोर्ट ने साफ तौर पर आयोग से कहा है कि 2 मई को कोविड से जुड़ी गाइडलाइंस और उससे जुड़े ब्लू प्रिंट तैयार नहीं करके दिया गया, तो मतगणना पर रोक लगा दी जाएगी। मद्रास हाई कोर्ट की तरफ से आयोग को ये निर्देश दिया गया कि वो स्वास्थ्य सचिव के साथ मिलकर मतगणना के लिए प्लान बनाएं। इसके लिए हाई कोर्ट ने 30 अप्रैल तक का वक्त दिया है।