पांच राज्यों में होने वाले इलेक्शन का चुनावी बिगूल आखिरकार बज ही गया। चुनाव आयोग (Election Commission) ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तारीखों की घोषणा कर दी। इस बार के चुनाव कई मायनों में काफी अलग होने वाले हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव ऐसे वक्त में हो रहे हैं, जब देश में कोरोना महामारी एक बार फिर बहुत तेजी से पैर पसार रही है। यही वजह हैं कि चुनाव आयोग ने कुछ सख्त कदम उठाए है, जिसके चलते रैलियों और प्रचार पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (CEC Sushil Chandra) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोरोना के बीच चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण हैं। लेकिन समय पर चुनाव कराना जिम्मेदारी भी हैं। कोरोना के नियमों को ध्यान में रखकर इलेक्शन होंगे। आइए जानते हैं इस बार कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने क्या क्या सख्त पाबंदियां लगाई है।
चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों के मुताबिक 15 जनवरी तक पांचों चुनावी राज्यों में रैलियों, रोड शो, पदयात्रा, बाइक और साइकिल रैली, नुक्कड़ सभा इन सभी पर रोक लगी रहेगी। 15 जनवरी तक इसकी इजाजत नहीं होगी। चुनाव आयोग ने साफ किया है कि 15 जनवरी के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी और फिर आगे इस पर फैसला लिया जाएगा।
इसके अलावा डोर टू डोर कैंपेन के लिए केवल 5 ही लोगों को जाने की परमिशन होगी। साथ ही पार्टियां जीत के बाद जश्न भी नहीं मना पाएंगी। विजय जुलूस निकालने पर भी चुनाव आयोग की तरफ से रोक लगा दी गई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग की तरफ से पार्टियों को वर्चुअल रैलियों पर जोर देने को कहा गया।
उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों पर 7 चरणों में चुनाव कराएं जाएंगे। पहला चरण 10 फरवरी को शुरू होगा, जबकि आखिरी फेज के लिए वोटिंग 7 मार्च को होगी।
इसके अलावा मणिपुर में 2 चरणों में चुनाव कराने का फैसला लिया गया। मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को वोट डाले जाएंगे। वहीं पंजाब-उत्तराखंड और गोवा में एक-एक चरण में चुनाव कराएं जाएंगे। यहां 14 फरवरी को वोटिंग होगीं। इन सभी राज्यों के चुनाव की काउटिंग 10 मार्च को होगी, जिससे साफ हो जाएगा कि इस बार किसकी सरकार किस राज्य में आएगी।