केरल विधानसभा चुनाव से पहले मेट्रो मैन की बीजेपी में एंट्री को लेकर सियासत गर्मा गई है। मेट्रो मैन के नाम से पहचाने जाने वाले ई श्रीधरन 88 साल में अपनी सियासी पारी शुरू करने जा रहे हैं। सिर्फ यही नहीं ई श्रीधरन ने एक बयान में ये भी कहा कि अगर केरल में बीजेपी की सरकार सत्ता में आती है, तो वो सीएम बनने के लिए भी तैयार हैं। अपने इस बयान को लेकर ई श्रीधरन ने राजनीति में अच्छा खासा बवाल मचा दिया है।
श्रीधरन के खुद को सीएम कैंडिडेट के तौर पर पेश किए जाने को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। एनडीटीवी में लिखे एक ब्लॉग में यशवंत सिन्हा ने इसको लेकर बीजेपी पर हमला भी बोला और कहा कि पार्टी अपने बनाए गए नियमों को तोड़ रही है। सिर्फ यही नहीं यशवंत सिन्हा ने इस दौरान बीजेपी को लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की भी याद दिलाई।
यशवंत सिन्हा ने ब्लॉग में लिखा कि श्रीधरन को बीजेपी केरल की राजनीति में उतारने की कोशिश कर रही है। निश्चित तौर पर बीजेपी वहां पर अपना झंडा गाड़ने चाह रही है, जिसमे वो उनके काम आ सकते है। वैसे श्रीधरन ने राज्यपाल बनने से मना कर दिया था, लेकिन उन्हें सीएम बनने में कोई परेशान नहीं है।
यशवंत सिन्हा ने आगे कहा कि 2014 में बीजेपी की उम्र का बहाना करते हुए लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को मंत्री बनने और फिर 2019 में चुनाव लड़ने से रोका। लेकिन येदियुरप्पा की उम्र 75 से ज्यादा थी, तब भी उन्हें सीएम बनाया गया। तो इसका यही मतलब निकाल सकते है कि आडवाणी और जोशी को उनके चेले ने ही किनारे लगा दिया। दोनों नेताओं की राजनीति का अंत उनके चेले द्वारा ही हुआ।
बीजेपी के पूर्व नेता ने लिखा कि कुछ सालों पहले जब मोदी पार्टी के अंदर ताकतवर नहीं ते, तो ये नियम था कि दो बार से ज्यादा राज्यसभा किसी को नहीं भेजा जाएगा। यही वजह से अरुण शौरी और शत्रुघन सिन्हा राज्यसभा जाने से वंचित रहे। लेकिन इसके बाद अरुण जेटली के लिए नियम टूटा। उन्होनें आगे लिखा कि पार्टियों में नियम ही तोड़ने के लिए बनते हैं। ये देखना दिलचस्प होगा कि ई श्रीधरन से बीजेपी को कितना फायदा मिलता है।