राजस्व खुफिया निदेशालय और भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों ने कई महीनों बाद लक्षद्वीप द्वीपसमूह के अपतटीय इलाके में समुद्र के बीच में एक मादक द्रव्य तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया। कुल 1,526 करोड़ रुपये मूल्य की 218 किलोग्राम हेरोइन जब्त की। इसकी जानकारी वित्त मंत्रालय ने दी।
दरअसल, ‘ऑपरेशन खोजबीन’ नाम का ये ऑपरेशन 7 मई को शुरू किया गया था। ICG और DRI का संयुक्त अभियान खोजबीन के साथ स्टार्ट हुआ। बताए गए ऑपरेशन के दौरान भारतीय तट रक्षक जहाज सुजीत, डीआरआई अधिकारियों के साथ, विशेष आर्थिक क्षेत्र के पास कड़ी निगरानी रखता था। वहीं समुद्रों के बीच कई दिनों की खोजबीन की मशक्कत के बाद दो संदिग्ध नावों को देखा गया। दोनों नावों “प्रिंस” और “लिटिल जीसस” को 18 मई 2022 के दिन लक्षद्वीप द्वीप समूह के तट से आईसीजी और डीआरआई के अधिकारियों द्वारा रोका गया। कोच्चि में तटरक्षक जिला मुख्यालय में दोनों नावों की गहन तलाशी ली गई, जिसके बाद 1 किलो के 218 पैकेट हेरोइन बरामद हुए।
वहीं कड़ी पूछताछ के बाद नाव चालकों के दल ने स्वीकार किया कि उन्हें समुद्र में भारी मात्रा में हेरोइन मिली, जिसके बाद उन्होंने इसे नावों में छुपाया। नावों चालको को धरने के बाद उन्हें आगे की कार्रवाई के लिए कोच्चि ले जाया गया।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “कोच्चि में तटरक्षक जिला मुख्यालय में दोनों नावों की गहन तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप हेरोइन के एक किलोग्राम के 218 पैकेट बरामद हुए। जब्त किया गया मादक द्रव्य उच्च श्रेणी की हेरोइन प्रतीत होती है अंतरराष्ट्रीय अवैध बाजार में इसकी अनुमानित कीमत करीब 1,526 करोड़ रुपये है।”
बता दें कि इस खोजबीन ऑपरेशन के दौरान बीते कुछ महीनों में राजस्व आसूचना निदेशालय द्वारा जब्त की गई ये चौथी बड़ी खेप है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी और उसके नेटवर्क के खिलाफ आईसीजी और डीआरआई का संयुक्त अभियान समुद्री रास्तों से देश में ड्रग की तस्करी को रोकने में सफल रहा है।