डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पु्ण्यतिथि: जेल में हुई थी रहस्यमयी हालातों में मौत, अभी तक अनसुलझी है गुत्थी!

By Ruchi Mehra | Posted on 23rd Jun 2021 | देश
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महान शिक्षाविद, राष्ट्रभक्तों के प्रेरणा केंद्र, भारतीय जनसंघ के संस्थापक और भाजपा के हर कार्यकर्ता के प्रेरणास्रोत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी का आज बलिदान दिवस है। देश की आजादी के बाद भी कुछ समय तक जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा और अलग संविधान था, लेकिन डॉ. मुखर्जी जम्मू-कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। उनका नारा था - एक देश में दो निशान, दो प्रधान और दो विधान नहीं चलेंगे। 

अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि "या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊंगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना जीवन बलिदान कर दूंगा।" जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने पर डॉ. मुखर्जी को 11 मई, 1953 में शेख अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार ने हिरासत में ले लिया था। वहां गिरफ्तार होने के कुछ दिन बाद ही 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई। भारत की अखंडता के लिए आजाद भारत में यह पहला बलिदान था। जिसका परिणाम यह हुआ कि शेख अब्दुल्ला को हटा दिया गया और अलग संविधान, अलग प्रधान और अलग झंडे का प्रावधान निरस्त कर दिया गया। 

2019 में मोदी सरकार के द्वारा अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद  जम्मू-कश्मीर आज भारत का अभिन्न अंग बना हुआ है और इसका सर्वाधिक श्रेय डॉ. मुखर्जी को ही है। 

बीजेपी नेता और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय के सदस्य प्रोफेसर राजेश शर्मा ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और महान आत्मा को नमन किया।

साल 1934 में जब डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की उम्र 33 साल थी तो उन्हें कलकत्ता विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया था। वो सबसे कम उम्र में कुलपति बने थे। 1947 में पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व वाली पहली कैबिनेट उनको मंत्री भी बनाया गया था। हालांकि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। 

मुखर्जी की रहस्यमयी मौत पर अटल बिहारी वाजपेयी ने सवाल उठाते हुए इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। यहीं नहीं श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मां ने तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू को चिट्ठी भी लिखी थीं और उनकी मौत को लेकर जांच करने की मांग की थीं, लेकिन नेहरू ने मौत पर किसी भी तरह की साजिश से इनकार कर दिया था और उनकी मौत को स्वाभाविक बताया। श्यामा प्रसाद मुखर्जी के द्वारा स्थापित भारतीय जनसंघ  के ही बाद में भारतीय जनता पार्टी का उदय हुआ था। 

Ruchi Mehra
Ruchi Mehra
रूचि एक समर्पित लेखक है जो किसी भी विषय पर लिखना पसंद करती है। रूचि पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ, विदेश, राज्य की खबरों पर एक समान पकड़ रखती हैं। रूचि को वेब और टीवी का कुल मिलाकर 3 साल का अनुभव है। रुचि नेड्रिक न्यूज में बतौर लेखक काम करती है।

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