अमरोहा के डिडौली थाने में आसिफ, नस और चाहत के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस आरोप को चुनौती दी गई। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि गैंग चार्ट बनाते समय अधिकारियों ने उनकी संतुष्टि को नोट नहीं किया, जबकि यह आवश्यक है। ‘सनी मिश्रा केस’ में हाईकोर्ट ने इस संबंध में व्यापक दिशा-निर्देश दिए थे, फिर भी इसकी अवहेलना की गई। चूंकि डीएम अमरोहा गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू करते समय एक्ट की शर्तों और हाईकोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन करने में विफल रहे, इसलिए सरकार ने उन्हें उनके पद से हटा दिया। वह सचिवालय में काम कर रहे थे। सरकारी अधिवक्ता ने राज्य सरकार की ओर से न्यायमूर्ति की खंडपीठ के समक्ष यह जानकारी पेश की। राज्य सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता ने मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला एवं न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देसवाल की खंडपीठ को यह जानकारी दी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
याचिकाकर्ताओं के अनुसार, पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के अनुसार गैंग चार्ट बनाने और उसे स्वीकृत करने में अपनी संतुष्टि दर्ज नहीं की। गैंगस्टर एक्ट की आवश्यकताओं के अनुसार, यह आवश्यक है। सनी मिश्रा मामले के परिणामस्वरूप इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में एक व्यापक निर्देश जारी किया है। इस नियम का भी पालन नहीं किया गया। न्यायालय ने फैसला सुनाया कि एसएसपी अमरोहा नियम 16(3) का उल्लंघन कर रहे थे क्योंकि रिकॉर्ड से यह स्पष्ट है कि गैंग चार्ट को अग्रेषित करते समय उन्होंने अपनी संतुष्टि व्यक्त नहीं की।
ये हैं अमरोहा, यूपी के पूर्व DM राजेश कुमार त्यागी। इन्होंने आसिफ, अनस और चाहत पर गैंगस्टर लगाते वक्त नियमों का पालन नहीं किया। मामला हाईकोर्ट में पहुंचा। HC ने न सिर्फ गैंगस्टर की कार्रवाई रद की, बल्कि DM पर एक्शन का आदेश दिया।
UP सरकार ने अब HC को बताया है कि DM को 14 दिन पहले… pic.twitter.com/h7RDdkVAGf
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) September 28, 2024
जिलाधिकारी ने की लापरवाही
हाईकोर्ट ने सनी मिश्रा मामले में जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन के संबंध में डीजीपी और राज्य सरकार के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए थे। लेकिन उन निर्देशों का पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि अमरोहा के जिलाधिकारी ने भी गैंग चार्ट स्वीकृत करते समय कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की। यह जिलाधिकारी की घोर लापरवाही को दर्शाता है।
कोर्ट ने जताई नाराजगी
न्यायालय ने पुलिस के व्यवहार पर अपनी नाराजगी जताई। राज्य सरकार ने इस पर कार्रवाई करने का वादा किया और अधिक समय मांगा। इसके बाद, राज्य सरकार ने हलफनामे के माध्यम से न्यायालय को अवगत कराया कि जिला अधिकारी राजेश कुमार त्यागी को उनके कर्तव्यों से मुक्त कर सचिवालय में नियुक्त किया गया है। न्यायालय ने तीनों याचिकाकर्ताओं के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई को रद्द कर दिया और राज्य सरकार को नियमों के अनुसार नई कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
सरकार की कार्रवाई
राज्य सरकार ने इस मामले में कोर्ट को आश्वासन देते हुए बताया कि डीएम राजेश कुमार त्यागी को उनके पद से हटाकर सचिवालय में तैनात कर दिया गया है। कोर्ट ने तीनों याचिकाकर्ताओं के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई कार्रवाई को रद्द करते हुए सरकार को नियमानुसार नए सिरे से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।