Vishvraj Singh Mewar: राजस्थान के उदयपुर में महाराणा प्रताप के वंशजों (Descendants of Maharana Pratap) के बीच गद्दी को लेकर विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार विवाद ने हिंसक रूप ले लिया है। उदयपुर के राजघराने (Royal Family of Udaipur) में बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ को गद्दी पर बिठाने की परंपरा का पालन किया जाता रहा है, लेकिन छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि गद्दी पर हक उनके बेटे लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का है। यह विवाद अब कानूनी लड़ाई में बदल गया है और दोनों पक्षों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
गद्दी पर हक को लेकर पुराना विवाद- Vishvraj Singh Mewar
यह विवाद नया नहीं है। महेंद्र सिंह मेवाड़ और उनके छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच गद्दी पर हक को लेकर कई बार टकराव हो चुका है। दोनों परिवारों के बीच यह विवाद अब अदालतों में भी चल रहा है। हालांकि, फिलहाल उदयपुर के राजघराने Royal Family of Udaipur) की गद्दी का नियंत्रण अरविंद सिंह मेवाड़ के पास है और वे मेवाड़ चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए गद्दी संभालते हैं। वहीं, महेंद्र सिंह मेवाड़ का आसपास की रियासतों में ज्यादा प्रभाव है। इस दौरान महेंद्र सिंह की मौत के बाद उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ ने गद्दी पर बैठने की परंपरा निभाई, जिसके बाद इस विवाद ने हिंसक रूप ले लिया।
विश्वराज सिंह का राज्याभिषेक और उसके बाद तनाव
सोमवार को चित्तौड़गढ़ किले (Chittaurgarh Fort) के फतेह प्रकाश पैलेस में 21 तोपों की सलामी के साथ विश्वराज सिंह मेवाड़ का राज्याभिषेक हुआ। रावत देवव्रत सिंह ने अपने खून से तिलक लगाकर विश्वराज को गद्दी पर बिठाया। हालांकि, राज्याभिषेक के बाद जब विश्वराज सिंह मेवाड़ अपने समर्थकों के साथ उदयपुर सिटी पैलेस पहुंचे तो वहां सुरक्षा और प्रशासन के साथ तनाव की स्थिति पैदा हो गई।
सिटी पैलेस के गेट बंद कर दिए गए थे और पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी थी। इसके बाद विश्वराज और उनके समर्थक वहां घुसने की कोशिश करने लगे। स्थिति तब और भी तनावपूर्ण हो गई जब समर्थक बैरिकेडिंग हटाकर पुलिस से भिड़ गए। इस दौरान पुलिस और समर्थकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।
पथराव और घायल लोग
जब सिटी पैलेस के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई, तो अचानक महल के अंदर से पथराव शुरू हो गया। इस घटना में तीन लोग घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। इस पथराव के बाद पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाए। सिटी पैलेस और उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई और रिसीवर नियुक्त किए गए, ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे।
सुलह के प्रयास और प्रशासन की भूमिका
स्थिति को शांत करने के लिए जिला प्रशासन दोनों पक्षों के बीच बातचीत का प्रयास कर रहा है। विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके समर्थक लगातार धूनी माता के दर्शन करने पर अड़े हुए हैं, जबकि सिटी पैलेस के लोग किसी को भी अंदर नहीं जाने दे रहे हैं। प्रशासन की ओर से बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
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