किसान आंदोलन के समर्थन में ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर की गई टूलकिट का विवाद लगातार बढ़ता ही चला जा रहा है। इस मामले में हाल ही में बेंगलुरु से एक गिरफ्तारी भी हुई। दिल्ली पुलिस ने शनिवार को दिशा राव को टूलकिट मामले में गिरफ्तार किया। दिशा रवि को टूलकिट बनाने और उसके प्रसार में संलिप्पता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली की एक अदालत ने दिशा को 5 दिन की हिरासत में भेज दिया।
सोशल मीडिया पर छाया मुद्दा
सोशल मीडिया पर दिशा रवि की गिरफ्तारी का मुद्दा छाया हुआ है। ट्विटर पर एक तबका दिशा रवि को रिहा करने की मांग करता हुआ नजर आ रहा है। सोशल मीडिया पर दिशा के समर्थन में #ReleaseDisha, #JusticeForDisha, #IamwithDisha जैसे हैशटेग चल रहे हैं, जिसका यूज कर लोग उन्हें रिहा करने की मांग करते नजर आ रहे हैं। कौन है दिशा रवि? क्यों उनकी गिरफ्तारी हुई? और क्या है टूलकिट से जुड़ा ये पूरा विवाद? आइए आपको बताते हैं…
कौन हैं दिशा रवि?
बेंगलुरू के माउंट कार्मल कॉलेज से दिशा ग्रेजुएट हैं। वो फ्राइडे फॉर फ्यूचर इंडिया की को-फाउंडर भी है। बात अगर फ्राइडे फॉर फ्यूचर इंडिया की करें तो ये एक इंटनेशनल मूवमेंट हैं, जिसके तहत स्कूल के छात्र शुक्रवार को क्लास मिस करके क्लाइमेट चेंज को लेकर प्रदर्शन का हिस्सा बनते हैं। प्रदर्शन के जरिए पर्यायवरण में हो रहे बदलावों को लेकर राजनेताओं से कदम उठाने की मांग की जाती है।
दिशा के पिता एथलेटिक्स की ट्रेनिंग देते हैं, वहीं मां हाउस वाइफ हैं। दिशा बेंगलुरू की कंपनी गुड मिल्क में कलीनरी एक्सपीरियंस मैनजर के तौर पर काम करती हैं। शनिवार को दिल्ली पुलिस ने दिशा को उनके घर से गिरफ्तार किया, जिसके बाद उनको दिल्ली की एक कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें 5 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
क्या लगे है दिशा पर आरोप?
दिशा रवि की गिरफ्तारी पर पुलिस का कहना है कि उन्होनें किसानों के समर्थन में बनाई गई टूलकिट को एडिट किया और उसे फॉरवर्ड किया। ग्रेटा थनबर्ग ने इस टूलकिट को शेयर किया। जिसके बाद दिशा ने ग्रेटा को चेताया कि टूलकिट सार्वजनिक हो गया, जिसके बाद ग्रेटा ने उसे डिलीट किया और फिर इसका एडिटेड वर्जन शेयर किया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक दिशा रवि के लैपटॉप और मोबाइल फोन को जब्त किया गया है और आगे की जांच की जा रही है। साथ में पुलिस इसकी भी जांच कर रही है कि दिशा और किन लोगों के संपर्क में थी, जो इस मामले में संलिप्त हैं।
शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने गूगल और दूसरे सोशल मीडिया कंपनियों से टूलकिट से जुड़ी जानकारी मांगी थीं।
जानिए पूरे टूलकिट से जुड़े विवाद के बारे में…
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ग्रेटा थनबर्ग ने एक टूलकिट शेयर कर इस पूरे विवाद को जन्म दिया था। ट्वीट में ग्रेटा ने किसान आंदोलन के समर्थन में सोशल मीडिया कैंपेन का एक शेड्यूल शेयर किया गया था, जिसे उन्होनें बाद में डिलीट कर दिया।
ग्रेटा द्वारा शेयर डॉक्यूमेंट में भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कार्ययोजना शेयर की थी। डॉक्यूमेंट में 5 बातें मुख्य तौर पर लिखीं थी, जिसमें ऑन ग्राउंड प्रोटेस्ट में हिस्सा लेने की बात कही गई। इसके अलावा किसान आंदोलन के समर्थन में एकजुटता दिखाने के लिए फोटोज ई-मेल करने को कहा गया। ग्रेटा द्वारा शेयर की गई टूलकिट में किसान आंदोलन के समर्थन में डिजिटल स्ट्राइक, ट्विटर पर तूफान लाने का प्लान बताया गया था। इसके अलावा इसमें कहा गया कि स्थानीय प्रतिनिधि से संपर्क करें, जिससे भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनेगा।
ग्रेटा ने टूलकिट को शेयर करने के बाद इसे डिलीट कर दिया था। लेकिन तब तक कई लोग इसका स्क्रीनशॉट ले चुके थे और ये सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। ग्रेटा ने इसके बाद एक नई एडिट टूलकिट भी शेयर की थी। इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया। पुलिस ने टूलकिट की जांच करते हुए इस मामले में पहली गिरफ्तारी दिशा रवि के रूप में की।