आएं दिन हम देखते है, हमारे समाज में किसी न किसी दलित के साथ दुर्व्यवार होता है , उसे बार-बार यह एहसास दिलाया जाता है – कि वो नीच है , अछूत हैं , छोटी जाति का है, लेकिन जब देश के सबसे बड़े राज्य यानि उत्तरप्रदेश के एक जल शक्ति मंत्री दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) के साथ भी ऐसा ही बर्ताव हुआ हो तब बीजेपी (Bjp) सरकार की दलित समाज को साथ लेकर चलने वाली मुहीम का पर्दाफाश हो जाता है। मोदी , योगी सरकार बड़े दावों के साथ अपना दम ठोकती है , कि हमारी सरकार में दलित और पिछ्डों का विकास करना पहली प्राथमिकता है। लेकिन परिस्थितियाँ तो अब कुछ और ही बयां कर रहीं हैं। जिससे ऐसा लग रहा है , क्या बीजेपी सरकार सिर्फ दलितों की सेवा करने , उनको समाज में आगे बढ़ाने का ढोंग मात्र करती है? जिससे उसका (Bjp) दलित वोट बैंक बना रहें।
अमित साह को लिखी चिट्टी
योगी सरकार के जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) की देश के गृह मंत्री अमित साह को लिखी हुई चिट्टी से साफ़ पता चलता है , कि उन्हें दलित होने के कारण जल शक्ति मंत्रालय में काफी कुछ झेलना पड़ा है , जिसके चलते उन्होनें योगी सरकार के सामने इस्तीफे की पेशकश भी रखी है। इधर दिनेश खटीक के इस्तीफे की पेशकश से लखनऊ से दिल्ली तक सत्ता के गलियारों में हलचल मच गई। योगी सरकार और बीजेपी के बड़े नेता इस डैमेज कंट्रोल में जुट गए।
दिनेश खटीक ने चिट्टी में क्या लिखा
जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक अपना दर्द बताते हुए चिट्टी में लिखते हैं – मेरे साथ भेदभाव होता है , क्यूंकि मैं एक दलित जाति से हूँ, विभाग के बड़े-बड़े अफसर मेरा फ़ोन नहीं उठाते , मेरी बातों को अनदेखा करते हैं, मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती , यहां तक कि विभाग की बड़ी-बड़ी बैठकों की जानकारी भी मुझे नहीं दी जाती, विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में चल रहीं है , उन पर क्या कार्रवाई हो रही है, इन मामलों में मुझे कोई अधिकारी जानकारी नहीं देता। जिसके चलते मेरे विभाग में क्या चल रहा है , इसकी मुझे कोई जानकारी ही नहीं होती।
प्रमुख सचिव अनिल गर्ग मेरी बात सुने बिना मेरा फ़ोन काट देते हैं , ऐसा भला किसी राज्य के मंत्री के साथ होता है क्या ? क्या सिर्फ मंत्री बना देना और एक गाडी मुहैया करा देना , एक जल शक्ति मंत्री का अधिकार यहीं समाप्त हो जाता है? दिनेश खटीक यहीं नहीं रुकते वो अपने विभाग में चल रहीं योजना जैसे नमामि गंगे और हर घर जल योजना पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाते हैं। दिनेश खटीक कहते हैं – नमामि गंगे योजना के अंदर सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार फैला हुआ है। जो ग्राउंड पर जाने पर ही पता चलता है, कोई भी अधिकारी इस मामले पर कार्रवाई नहीं कर रहा है।
कुल मिला कर देखा जाएं तो दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) की चिट्टी में लिखी हुई बातें योगी सरकार पर सवालिया निशान खड़ा कर रहीं है?