देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना से हालात एक बार फिर आउट ऑफ कंट्रोल होते हुए दिखने लगे हैं। दिल्ली में डरावनी स्पीड में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही राजधानी में रोजाना 100 से भी नीचे डेली केस सामने आ रहे थे। अब ये बढ़कर। लेकिन कुछ ही दिनों में ये बढ़कर 4 हजार के पार पहुंच गए।
इतनी स्पीड से बढ़ रहे केस
आज यानी सोमवार की बात करें तो दिल्ली में 4 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए है। दिल्ली में आज कोरोना के 4099 केस आए। इसके साथ ही यहां पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 6.46 प्रतिशत पहुंच गया। कल के मुकाबले करीब एक 900 केस 24 घंटों में दिल्ली में बढ़कर। इससे पहले 2 जनवरी को 3100 से ज्यादा मामले आए थे। 21 दिसंबर को दिल्ली में 100 से अधिक कोरोना केस एक दिन में रिपोर्ट हुए थे। उसके बाद ये जिस स्पीड से बढ़े, वो बेहद ही डरावनी रफ्तार है…
21 दिसंबर- 102
25 दिसंबर- 249
28 दिसंबर- 496
29 दिसंबर- 923
30 दिसंबर- 1313
31 दिसंबर- 1796
01 जनवरी- 2716
02 जनवरी- 3194
03 जनवरी- 4099
पिछले 7 महीनों के बाद अब दिल्ली में सबसे ज्यादा केस सामने आए है। इससे पहले 18 मई को राजधानी में कोविड के 4482 केस सामने आए थे, तब संक्रमण दर 6.89% दर्ज की गई थी। वहीं, अब दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या 10,986 तक पहुंच गई।
दिल्ली में लगेगा रेड अलर्ट?
कल यानी 2 जनवरी को दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 4.59 फीसदी था। आज ये 5 प्रतिशत को भी पार कर गया, जिसके बाद सवाल उठने लगे है कि क्या दिल्ली में अब रेड अलर्ट वाली पांबदियां लगाई जाएगीं।
दरअसल, दिल्ली में 28 दिसंबर को न्यू ईयर से पहले ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू कर दिया था और इस दौरान येलो अलर्ट के तहत कई पाबंदियां लगाई गई। GRAP के मुताबिक अगर पॉजिटिविटी रेट लगातार दो दिनों तक पांच प्रतिशत से ज्यादा रहता है, तो ऐसे में ‘रेड अलर्ट’ लगाया जा सकता है, जिससे तहत ‘टोटल कर्फ्यू’ और अधिकांश आर्थिक गतिविधियों को रोक दिया जाता है।
GRAP प्लान के तहत तीन पैरामीटर के आधार पर प्रतिबंध लगाए जाते है- पॉजिटिविटी रेट, क्युमुलेटिव एक्टिव केस और अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की ऑक्यूपेंसी। इसके लिए येलो, अंबर, ऑरेंज और रेड अलर्ट के तहत कैटेगराइज किया गया है। येलो सबसे निचले स्तर का है, वहीं रेड अलर्ट को हाईएस्ट लेवल का। अगर रेड अलर्ट के तहत पाबंदियां लगाई जाती है, तो शहर में पूरी तरह लॉकडाउन लागू कर दिया जाता है।