पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने सरकार बनाई। राज्य की 294 विधानसभा सीटों में टीएमसी को 213 सीटों पर बेहतरीन जीत मिली। लेकिन ममता बनर्जी अपनी विधानसभा सीट बचाने में नाकाम रही थी। नंदीग्राम विधानसभा सीट पर बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को करारी मात दी थी। लेकिन टीएमसी के चुनाव जीतने के बाद ममता बनर्जी विधायक दल का नेता बनी और राज्य के सीएम के रुप में शपथ लिया।
भारतीय संविधान के मुताबिक चुनाव में बिना जीत हासिल किए मुख्यमंत्री बनने वाले नेताओं को 6 महीने के भीतर विधानसभा की सदस्यता लेनी होती है और ऐसा नहीं होने पर 6 महीने की अवधि की समाप्ति होते ही उनका भी पद भी समाप्त हो जाता है। मौजूदा समय में ममता बनर्जी के सामने भी यही मुश्किल आ खड़ी है। कोरोना को लेकर चुनाव आयोग की ओर से उपचुनाव की डेटशीट घोषित नहीं की जा रही है।
चुनाव अधिकारी से मिले टीएमसी नेता
खबरों के मुताबिक इस मामले को लेकर टीएमसी के मंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) आरिज आफताब से मुलाकात की। मंत्रियों ने सीईओ से राज्य की सात विधानसभा सीटों पर चुनाव और उपचुनाव कराने की प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया।
टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी ने खुद इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा, हमने सीईओ से विधानसभा की दो सीटों पर मतदान की तारीख घोषित करने और पांच निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव कराने के लिए जल्द से जल्द आवश्यक व्यवस्था करने का आग्रह किया। टीएमसी नेता ने कहा कि सीईओ ने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
जानें किस सीट से चुनाव लड़ेंगी ममता बनर्जी?
बताते चले कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में ममता बनर्जी ने अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर को छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ा था और उन्हें हार मिली थी। भवानीपुर विधानसभा सीट से उन्होंने अपने करीबी शोभनदेव चटोपाध्याय को चुनावी दंगल में उतारा था। उन्होंने इस सीट पर बेहतरीन जीत हासिल की थी लेकिन उसके कुछ ही दिनों बाद उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था। अब इस बात की चर्चा तेज है कि राज्य में होने वाले उप चुनाव में ममता बनर्जी भवानीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी और चटोपाध्याय खारदाह सीट से किस्मत आजमाएंगे।