अमेरिका के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित पुलित्जर अवार्ड 2022 की घोषणा कर दी गई, जिसमें भारत के दानिश सिद्दकी को एक बार फिर से ‘फीचर फोटोग्राफी’ कैटेगिरी में अवॉर्ड मिला। दानिश के साथ तीन और भारतीय पत्रकारों को भी “पत्रकारिता का ऑस्कर” कहे जाने वाले पुलित्जर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इन पत्रकारों को भारत में कोविड महामारी की भयावह तस्वीरें दिखाने के लिए ये पुरस्कार दिया गया।
4 भारतीय पत्रकारों को मिला ये सम्मान
पुलित्जर पुरस्कार को पत्रकारिता क्षेत्र में सबसे बड़ा अवॉर्ड माना जाता है। ये पत्रकारों को उनकी निडर और सटीक पत्रकारिता के लिए नवाज़ा जाता है। भारत से रॉयटर्स समाचार एजेंसी के दानिश सिद्दकी, अदनान आबिदी, सना इरशाद मट्टू और अमित दवे को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। दानिश सिद्दकी ने ये अवॉर्ड दूसरी बार जीता हैं। इससे पहले 2018 में भी दानिश को पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। दानिश ने म्यामांर के अल्पसंख्यक रोहिंग्या समुदाय के हिंसा का सामना करने वाली तस्वीर खींचकर ये पुरस्कार जीता था।
अफगानिस्तान में मारे गए थे दानिश
आपको बता दें कि दानिश सिद्दकी वही पत्रकार हैं, जिन्होंने अफगानिस्तान में जंग कवरेज के दौरान अपनी जान गंवाई थीं। पिछले साल अफगानिस्तान में तालिबान राज दोबारा से कायम होने के बाद वहां तालिबानियों की क्रूरता को कवर करने के दानिश भी वहां गए थे। यहां तालिबानियों ने उन्हें जिंदा पकड़कर पहचान की पुष्टि करने के बाद गोली मारकर बड़ी ही बेरहमी से उनकी हत्या कर दी थी। यही नहीं मौत के बाद उनके सिर को गाड़ी तक से कुचल दिया गया था।
जानें कौन थे दानिश सिद्दीकी?
बता दें कि दानिश ने अपने करियर की शुरुआत टेलीविजन न्यूज रिपोर्टर के रूप में की थी। बाद में उन्होंने फोटो पत्रकारिता की ओर रूख किया। फोटो जर्नलिस्ट के तौर पर दानिश ने कई अहम मुद्दों को उजागर किया, जिनमें अफगानिस्तान संघर्ष, रोहिंग्या हिंसा, कोविड में मौतों की भयावह सच्चाई, हांगकांग विरोध समेत कई बड़े मुद्दे शामिल रहे। उनकी इस बेबाक और निडर पत्रकारिता के लिए काफी सराहना मिली।
दानिश सिद्दकी ने दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन की। इसके बाद उन्होंने जामिया के ही AJK मास कम्यूनिकेशन रिसर्च सेंटर से 2007 में डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने 2010 में इंटर्न के रूप में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ज्वॉइन कर अपने करियर की शुरुआत की।
पुलित्जर अवॉर्ड हंगरी के रहने वाले जोसेफ पुलित्जर के नाम पर और उनके योगदान के लिए दिया जाता है। इस सम्मान को 21 कैटेगरी में दिया जाता है। इसके साथ ही स्कॉलरशिप भी दी जाती है। इस सम्मान को पाने वाले पत्रकारों को सर्टिफिकेट के साथ 10 हजार डॉलर की नकद राशि दी जाती हैं।