एक तरफ जहां जातिवाद के भेदभाव को खत्म करके सबकों बराबरी का हक देने की बात कर रही है सरकार। वहीं दूसरी तरफ अभी भी जाति के नाम पर लोगों को प्रताड़ित करने का सिलसिला कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। यूपी में जहां दलितों के उत्थान करने के नाम पर कई पार्टियां बनाई गई हैं, वहीं लखीमपुर खीरी से बेहद ही चौंकाने वाली घटना सामने आई है।
एक शख्स की इसलिए पिटाई की गई क्योंकि उसने दलित होते हुए भी अपने खेतों में मवेशियों को चारा खिलाने के इनकार कर दिया था। दरअसल लखीमपुर खीरी जिले में पड़ने वाले गोला गोकर्णनाथ में रहने वाले राधेश्याम ने पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज कराई थी। इस एफआईआर में कहा गया कि उनके पड़ोस में रहने वाले आसाराम ने उनके साथ मारपीट की। उनका कसूर केवल इतना था कि उन्होंने अपने खेतों के चारोतरफ तारें लगा रखी थी, लेकिन आसाराम जबरन तारों को तोड़कर अपने मवेशी लेकर उनके मक्के के खेत में घुस गया और जानवरों को चराने लगा।
राधेश्याम ने ऐसा न करने की अपील की, तो आसाराम ने राधेश्याम को जाति सूचक गालियां देनी शुरू कर दी। जब गालियां से आसाराम का मन नहीं भरा तो उसने राधेश्याम की जमकर पिटाई भी की। इस मारपीट में राधेश्याम गंभीर रूप से घायल हो गया है।
मामले में पुलिस ने एफआईआर पर तुरंत एक्शन लेते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन इस तरह की घटना सरकार और उसके सिस्टम पर कहीं न कहीं करारा तमाचा है। सरकार जिस बराबरी की बात करती है उसका सपना तो अभी भी काफी दूर नजर आ रहा है। ऐसे में क्या कभी दलितों का जाति के नाम पर अपमान रूकेगा। क्या लोगों में जाति के भेदभाव को मिटाकर बराबरी का भावना आ सकेगी। फिलहाल तो ये बातें बस एक सुनहरा सपना ही लग रहा है। खैर अब देखना ये है कि दलित को प्रताड़ित करने की घटना को पुलिस कितना सीरियली लेती है और पीड़ित के आरोपी को सजा मिलेगी?