आज के समय में भी दलितों का हाल क्या है, कैसे उन्हें छोटी-छोटी चीजों के लिए संघर्ष करना पड़ता है… इसका उदाहरण देता हुआ एक ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से सामने आया। CRPF का वो जवान जो देश की रक्षा करता हैं, उसे ही अपनी शादी में सिर्फ इसलिए सुरक्षा की जरूरत पड़ गई क्योंकि वो दलित हैं। जवान मदद मांगने के लिए पुलिस के पास गया। जिसके बाद उसकी घुड़चढ़ी PAC जवानों और पुलिस फोर्स की मौजूदगी में हुई।
CRPF जवान ने मांगी पुलिस से मदद
मामला कुछ ऐसा है कि दलित युवक गौरव का पैतृक गांव बुलंदशहर के ककोड़ थाना अंतर्गत क्षेत्र के गढाना में है। मौजूदा वक्त में वो जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं। गौरव दलित समाज से है। गांव में अनुसूचित जाति और ठाकुर समाज में विवाद चल रहा है। 8 महीने पहले भी एक दलित युवक की घुड़चढ़ी के दौरान काफी बवाल हुआ था। तेज आवाज में डीजे बजाने को लेकर दलित और ठाकुर समाज में बड़ा विवाद हो गया। इस दौरान दलित समाज ने ठाकुर समाज के एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी थीं। ।
गौरव नहीं चाहता था कि उसकी घुड़चढ़ी के दौरान कोई बवाल हो, इसलिए उसने पुलिस से सुरक्षा की मांग की। गौरव ने इसको लेकर एसपी सिटी को एक प्रार्थना पत्र लिखा। इसमें उन्होंने बताया कि रविवार को उनकी बारात अलीगढ़ जिले के मानपुर गांव जाएगी।
PAC जवानों और पुलिस फोर्स की मौजूदगी में निकली बारात
गौरव की मांग के बाद गढाना में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। रविवार को सुबह ही गांव में बड़ी संख्या में पुलिस पहुंची और वहां पहले पैदल मार्च निकाला। इसके बाद शाम 4 बजे पुलिस की पहरेदारी में गौरव की घुड़चढ़ी हुई। फिर गौरव वहां से बारात लेकर चला गया। गांव के जिस रास्ते से गौरव की बारात निकली, वहां वहां पुलिस ने छतों से नजर बनाए रखी थी। सीओ सिकंदराबाद सुरेश सिंह भी गांव में मौजूद थे। एसपी सिटी सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि अनुसूचित जाति के CRPF जवान की घुड़चढ़ी गांव में शांतिपूर्वक निकलवाई है।
पत्रकार ने उठाया मुद्दा तो…
आज के समय में भी दलित युवक की घुड़चढ़ी में पुलिस फोर्स और PAC जवानों की तैनाती पर सवाल उठने लगे। एक दलित पत्रकार मीना कोटवाल ने मुद्दे को उठाया और कहा कि दलित के घोड़ी चढ़ने के लिए PAC जवान और पुलिस फोर्स बुलानी पड़ रही है। तो इस पर पुलिस ने उनकी ट्वीट को खतरनाक और भड़काऊ बता दिया। साथ ही साथ इसको लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही।
पत्रकार मीना कोटवाल ने लिखा- ‘दलित के घोड़ी चढ़ने के लिए PAC जवान और पुलिस फोर्स बुलानी पड़ रही है। यह तब हो रहा है जब देश में बाबासाहेब का संविधान लागू है। सोचो हिंदू राष्ट्र (मनुविधान) में तुम्हारी स्थिति क्या होगी? सोचो, सोचो… I repeat बार बार सोचो, यह भी सोचो कि मनु युग में पुरखों के साथ क्या हुआ था?’
बुलंदशहर पुलिस की तरफ से उनकी इस ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा गया- ‘आपका यह ट्वीट सामाजिक सद्भाव के लिए खतरनाक, भड़काऊ तथा अत्यन्त आपत्तिजनक है। कृपया इसे तत्काल डिलीट करें अन्यथा आपके विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।’
बुलंदशहर पुलिस के ट्विटर हैंडल से हुए इस ट्वीट को लेकर पत्रकार मीना कोटवाल भड़क गई। उन्होंने कहा- ‘धमकाइए मत, लोगों के अधिकारों का उल्लंघन होगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे!अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना हमारा संवैधानिक अधिकार है।’ उन्होंने आगे ये भी कहा- ‘पुलिस अगर इनके अधिकारों की रक्षा नहीं करेगी, देश में कभी मूंछ रखने के कारण, कभी घोड़ी चढ़ने के कारण वंचितों की हत्या होगी। तो हम आवाज़ उठाएंगे और इस वजह से आप लोग हमें ही उल्टा धमकाओगे?’
इसके साथ ही पत्रकार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ट्वीट कर यूं कार्रवाई की धमकी देने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की।
सोशल मीडिया पर यूं सरेआम धमकी देने पर बुलंदशहर पुलिस की काफी किरकिरी हो रही है। पुलिस की धमकी पर लोग काफी भड़कते नजर आ रहे हैं। इस ट्वीट पर एक यूजर ने कहा- ‘अन्याय के खिलाफ़ आवाज़ उठाना भड़काना या आपत्तिजनक कैसे हो सकता है।’
वहीं अन्य यूजर ने इस पर ट्वीट कर लिखा- ‘जिस देश में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का संविधान चलता हो वहां बात कहने पर पुलिस कब से धमकाने लगी हैं, मीना कोटवाल जी अपनी बात कही हैं फिर इसमें कार्यवाही क्या करेंगे आप…