उत्तराखंड में अगले साल यानी 2022 में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होंगे। लेकिन इससे पहले ही राज्य में सियासी घमासान मच गया है। दरअसल, ऐसी खबरें आ रही हैं कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat) से उनकी कुर्सी छिन सकती है। सीएम रावत को सीएम पद से हटाने की अटकलें तेज होती जा रही हैं।
दिल्ली बुलाए गए सीएम रावत
इन खबरों के बीच अब सीएम रावत दिल्ली भी आ रहे हैं। खबरों के मुताबिक वो हाईकमान के बुलावे पर दिल्ली आ रहे हैं। सिर्फ त्रिवेंद्र सिंह रावत ही नहीं उनके साथ पार्टी के कई और नेताओं को दिल्ली तलब करने की खबरें हैं। बताया जा रहा है इनमें से कुछ मंत्री और विधायक पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं।
यही नहीं महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) की भी दिल्ली पहुंचने की खबरें आ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली में एक अहम बैठक होगी, जिसमें उत्तराखंड के इस सियासी घमासान पर चर्चा होगी।
हालांकि जब सीएम रावत से इसको लेकर सवाल किया गया, तो इसके जवाब में उन्होनें कहा कि इसके बारे में जानकारी होने से इनकार किया। सीएम रावत बोले कि मैं नहीं जानता खबरों में क्या चल रहा है। मैनें केंद्रीय नेतृत्व से मिलने का वक्त मांगा है। उनके बुलाने पर मैं मिलने जाऊंगा।
क्यों मचा ये सियासी बवाल?
अब सवाल ये उठता है कि आखिर क्यों सीएम रावत की कुर्सी पर खतरा मंडराने की खबरें है? दरअसल, उनको लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध शुरू हो गया। कई मंत्री और विधायकों ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। उत्तराखंड में पार्टी का एक गुट लंबे वक्त से सीएम बदलने की मांग कर रहा है। साथ ही सीएम त्रिवेंद्र के साथ लंबी चर्चा की और दिल्ली लौटकर आ गए है। अब पर्यवेक्षक हाई कमान को अपनी रिपोर्ट सौंप सकते हैं, जिसको लेकर बीजेपी की पार्लियामेंट्री कमेटी की बैठक में उत्तराखंड को लेकर बड़ा फैसला किया जा सकता है।
अब ये बताते हैं कि आखिर क्यों कई मंत्री और विधायक सीएम रावत से नाराज हैं? दरअसल, ये आरोप है कि मुख्यमंत्री ना तो उनकी समस्याओं के समाधान पर ध्यान देते हैं और ना ही उनके अधिकारी उनको गंभीरता से लेते हैं। मुख्यमंत्री की कार्यशैली को लेकर असंतुष्ट विधायक और मंत्री पार्टी आलाकमान से लगातार शिकायतें करते रहे हैं।
कुछ विधायकों का ये भी कहना है कि अगर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में लड़ा जाता है, तो राज्य में बीजेपी की सरकार आना मुश्किल है।
कौन से नाम सीएम के लिए चर्चाओं में…
अब बात करते हैं कि अगर त्रिवेंद्र सिंह रावत सीएम की कुर्सी से हटते हैं, तो उनकी जगह पर किसको मुख्यमंत्री बनाया जाएगा? इसमें कई नाम सामने आ रहे हैं, जिसमें राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट और मंत्री सतपाल महाराज का नाम आगे चल रहे है। देखना होगा कि उत्तराखंड का ये सियासी घमासान आगे क्या मोड़ लेता है…?