कांग्रेस शासित छतीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार ने पशुपालन को बढ़ावा देने और पशुपालकों के आर्थिक सहायता हेतु पिछले साल गौधन न्याय योजना की शुरुआत की थी। जिसके तहत राज्य सरकार पशुपालकों से गोबर खरीदती है और उसका भुगतान करती है। बघेल सरकार 2 रुपये प्रति किलो के हिसाब से गोबर खरीदती है। छतीसगढ़ पशुपालकों से गोबर खरीदने वाला देश का पहला राज्य है।
राज्य सरकार इन खरीदे गए गोबरों का इस्तेमाल कृमि खाद के उत्पादन करती है। लेकिन राज्य में अब गोबर चोरी की घटनाएं सामने आने लगी है। पहले राज्य के अंबिकापुर और दुर्ग जिले में गोबर चोरी की घटनाए सामने आई लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था। अब प्रदेश के कोरबा जिले से ऐसी ही घटना सामने आई है।
जानें क्या है मामला?
छतीसगढ़ के कोरबा जिले से 800 किलो के करीब गाय के गोबर की चोरी की घटना सामने आई है। बीते दिन रविवार को पुलिस ने इस बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा बताया कि 8 और 9 जून को आधी रात में दिपका पुलिस थाना क्षेत्र के धुरेना गांव से 800 किलो गाय का गोबर चोरी हो गई, जिसकी कीमत 1600 रुपये है।
वहीं, दिपका थाना प्रभारी हरीश तांडेकर ने कहा, गांव गौथान समिति के अध्यक्ष कमहान सिंह कंवर ने 15 जून को इस बारे में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस का कहना है कि अज्ञात लोगों के खिलाफ इस मामले में केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
80 हजार के करीब महिलाओं को मिली है आजीविका
बता दें, छतीसगढ़ गोधन न्याय योजना को राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पिछले साल 20 जुलाई 2020 को किसानों/पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के लिए शुरु की गई है। इस योजना के माध्यम से पशुपालकों से उचित दाम पर गोबर की खरीद की जाती है और इस गोबर का गौठान में वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया जाता है। सरकार के अनुसार इस योजना के माध्यम से 80,000 महिलाओं को आजीविका प्राप्त हुई है। खबरों के मुताबिक गौठान एवं स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को 27.78 करोड़ रुपये की राशि छतीसगढ़ गोधन न्याय योजना के माध्यम से प्राप्त हुई है।