वैक्सीन लगवाने के बाद कितना कम हो जाता है कोरोना से मौत का खतरा? ये स्टडी बताएगी आपको!

By Ruchi Mehra | Posted on 19th Aug 2021 | देश
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कोरोना महामारी का खतरा दुनियाभर से अब तक टला नहीं है। कई देशों में अब भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं भारत पर भी कोरोना की दो भयंकर लहर का सामना करने के बाद अभी तीसरी लहर आने का भी खतरा मंडरा रहा है। तमाम एक्सपर्ट्स लगातार आगाह कर रहे हैं कि थर्ड वेव जल्द ही दस्तक देगी और इसके लिए लोगों को सतर्क रहने की भी सलाह दी जा रही है। 

वैक्सीन ही है सुरक्षा कवच

हालांकि इस बीच वैक्सीनेशन ही एक ऐसा हथियार दिख रहा है, जिससे कोरोना महामारी के खतरे को टाला जा सकता है। सभी देशों में कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान जोरों शोरों पर चलाया जा रहा है। भारत में भी करोड़ों की संख्या में लोग वैक्सीनेट किए जा चुके हैं। इस बीच कई लोग ऐसे भी हैं, जो डर, अफवाह या फिर किसी दूसरे कारण से वैक्सीन लगवाने से बचते हुए नजर आ रहे हैं।  

इस स्टडी में बड़ी बात निकलकर सामने आई

कोरोना के खिलाफ वैक्सीन सबसे बड़ा बचाव है। वैसे तो वैक्सीन लेने के बाद भी कई लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं, लेकिन कोरोना वैक्सीन संक्रमण से बचाव के बाद काफी हद तक वायरस से होने वाली मौत के खतरे को टाल देती है। इसको लेकर एम्स झज्जर ने 1818 मरीजों की स्टडी की, जिसमें जो बात निकलकर सामने आई है, उससे पता चलेगा कि वैक्सीन कोरोना से बचाव में कितना अहम रोल प्ले कर रही है...

एम्स झज्जर में एडमिट मरीजों की रिपोर्ट में बताया गया कि जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली थी, उनमें से 294 यानी 76 प्रतिशत मरीजों की मौत हुई। वहीं दूसरी ओर वो लोग जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली थी, उनमें से केवल एक ही मरीज यानी 0.03 प्रतिशत की मौत कोरोना की वजह से हुई। बिना वैक्सीनेशन वाले 294 (76 पर्सेंट ) की मौत हुई, वहीं दोनों डोज वैक्सीन लेने वालों में से सिर्फ 1 की मौत हुई। इससे पता चलता है कि कोरोना वैक्सीन मौत के खतरे को कितना टाल देती है। 

बता दें कि 1818 मरीजों पर की गई इस स्टडी में 1314 लोग ऐसे थे, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई थी। इसमें से 294 मरीजों की मौत हो गई। वहीं यहां एडमिट हुए 215 मरीज वो थे, जिनको वैक्सीन की एक डोज लिए 2 हफ्तों से कम वक्त हुआ था। इनमें से 42 मरीजों की मौत हुई।

दो डोज लेने के बाद काफी कम हो जाता है खतरा

इसके अलावा स्टडी में आगे बताया गया कि वैक्सीन की एक डोज लेने के 2 हफ्तों बाद 258 मरीजों को अस्पताल में एडमिट होने की जरूरत पड़ी। इसमें से 48 की मौत हो गई। साथ ही वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके 31 लोग अस्पताल में भर्ती हुए और इनमें से केवल 1 मरीज यानी 0.03 पर्सेंट की ही मौत हुई। इस स्टडी से पता चलता है कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन ही सबसे बड़ा हथियार है। 

बात अगर देश में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान की करें तो अब तक 56 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी है। इसमें 44 करोड़ से ज्यादा फर्स्ट डोज और 12 करोड़ से अधिक सेकेंड डोज शामिल है। देश में जारी वैक्सीनेशन अभियान को लगातार तेज करने की कोशिशें जारी है।

Ruchi Mehra
Ruchi Mehra
रूचि एक समर्पित लेखक है जो किसी भी विषय पर लिखना पसंद करती है। रूचि पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ, विदेश, राज्य की खबरों पर एक समान पकड़ रखती हैं। रूचि को वेब और टीवी का कुल मिलाकर 3 साल का अनुभव है। रुचि नेड्रिक न्यूज में बतौर लेखक काम करती है।

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