देश में एक बार फिर से किस तरह से कोरोना बेकाबू हो गया है, ये तो आप सभी जानते हैं। कोरोना की दूसरी लहर पहले से भी ज्यादा खतरनाक रूप लेकर देश में आई, जिसकी वजह से हालात फिर से बिगड़ने लगे है। कोरोना की ये लहर कब और कहां जाकर रुकेगी, इसका अभी किसी को भी अंदाजा नहीं।
चुनावी राज्यों में उड़ रही नियमों की धज्जियां
कई राज्यों में हो रहो चुनावों के चलते जो कोरोना के नियमों की धज्जियां उड़ा जा रही है, वो भी इस वक्त काफी सुर्खियों में बना हुआ है। जिस तरह से सभी पार्टियों के नेता चुनाव प्रचार में जुटे हैं, उसमें वो कोरोना से जुड़े नियमों का पालन नहीं कर रहे। अधिकतर लोगों के चेहरों पर मास्क नजर नहीं आ रहा और सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात रही।
जिस तरह चुनाव प्रचार के दौरान बड़ी संख्या में भीड़ नजर आ रही है, उसको लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। क्या चुनावी राज्यों और फिर नेताओं की रैली से कोरोना का खतरा नहीं बढ़ता? ये सवाल कई लोगों के मन में इस वक्त उठ रहा है।
ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि जिन राज्यों में चुनाव है, वहां पर कोरोना का खतरा नहीं। आज हम आपको उस राज्य के बारे में बताएंगे, जहां 8 चरणों में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं।
बंगाल में पैर पसार रहा कोरोना
जी हां, हम बात पश्चिम बंगाल की करेंगे। बंगाल के चुनावों का शोर हर तरफ सुनाई दे रहा है। यहां सत्ता हासिल करने की जंग तो तेज होती ही जा रही है, लेकिन साथ ही साथ बंगाल में कोरोना भी अपने पैर पसारता जा रहा है। सोमवार को कोरोना के 4511 नए मामले सामने आए, जबकि इस दौरान इस महामारी की वजह से 14 लोगों ने अपनी जान गंवाई।
यही नहीं राज्य में कोरोना का मृत्यु दर भी बढ़कर 1.7 फीसदी हो गया। ये देश में तीसरे नंबर पर और महाराष्ट्र के बराबर है। बंगाल से आगे सिर्फ देश में पंजाब और सिक्कम ही है। राज्य में कोरोना का मृत्यु दर 1.7 फीसदी है, जबकि अगर देश में ये आंकड़ा 1.3 फीसदी है। जिससे ये साफ तौर पर पता चलता है कि चुनावी राज्य में भी कोरोना जमकर पैर पसार रहा है।
बंगाल में पॉजिटिविटी रेट भी बढ़ा
वहीं बंगाल में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट भी बढ़ा और ये देश में 7वें नंबर पर आ गया। बंगाल में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 6.5 प्रतिशत है। वहीं देश में ये आंकड़ा 5.2 फीसदी है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि टोटल पॉजिटिविटी रेट का आंकड़ा कुल टेस्ट में से कितने मरीज संक्रमित पाए गए उन मरीजों के आधार पर निकाला जाता है।
अगर पड़ोसी राज्यों से तुलना करें तो बिहार, झारखंड, असम और ओडिशा से तेज रफ्तार कोरोना की पश्चिम बंगाल में बढ़ रही है। लेकिन चुनावों के शोर में इस पर कहीं पर भी चर्चा ही नहीं हो रही। बंगाल में तो अभी केवल चुनाव ही चुनाव छाए हुए है। इसी बीच कोरोना के केस की बंगाल में बढ़ती रफ्तार पर किसी की भी नजर नहीं पड़ रही।
अगर बीते 7 दिनों का औसत निकालें तो बंगाल में रोजाना 3040 नए कोरोना केस मिल रहे हैं। वहीं ये औसतन आंकड़ा बिहार में 2122, झारखंड में 1734, ओडिशा में 981 और असम में 234 है।
हालांकि अगर कुल कोरोना संक्रमण के मामलों पर गौर करें तो बंगाल के हालात महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों की तुलना में स्थिति बेहतर है। लेकिन नए मामले यहां टेंशन बढ़ा रहे हैं।
4 चरणों की वोटिंग अभी बाकी
गौरतलब है कि बंगाल के अलावा चार और जगहों असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी वोटिंग हुई हैं। लेकिन बंगाल के ही चुनावों के मतदान अभी बाकी है। यहां 4 चरणों के चुनाव हुए हैं, जबकि अभी तक 4 के बाकी है। 17 अप्रैल को अगले चरण के चुनाव के लिए वोटिंग होगी। इसके बाद बंगाल में 22, 26 और 29 अप्रैल में मतदान होंगे। बता दें कि 2 मई को इन सभी राज्यों के चुनाव के नतीजे आएंगे।