जब देश-विदेशों में कोरोना महामारी फैली थी तब इस बीमारी को फ़ैलाने का आरोप चीन पर लगाया गया था और ये बात ज़्यादातर सच भी है क्योंकि कोरोना महामारी चीन से दुनियाभर के देशों में फैली थी और इस बीमारी की वजह से जहाँ कई लोगों की मौत हो गयी तो वहीं इस कोरोना महामारी की वजह से लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं इस बीच खबर है कि चीन में एक और बीमारी फैल रही है और इस बीमारी के लक्षण कोविड के संक्रमण की तरह ही है.
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चीन में फैल रहा है कोरोना जैसा नया वायरस
दरअसल, चीन में अस्पताल में कई लोग सांस संबंधी दिक्कतों के कारण भर्ती हुए हैं और अब सांस संबंधी दिक्कते बढ़ती ही जा रहे हैं. बीजिंग ने शुक्रवार (24 नवंबर ) को स्कूलों और अस्पतालों में सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है. ये मामले तब सामने आये जब दिसंबर में कोविड प्रतिबंध हटाए जाने के बाद अब देश में सर्दियां के मौसम की शुरूआत हुई. वहीं इसके साथ ही बीजिंग और लियाओनिंग प्रांत जैसे उत्तरी क्षेत्रों में सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई.
वहीँ स बीमारी से सबसे ज्यादा बच्चे पीड़ित हैं जबकि दूसरे नंबर पर बुजुर्गों की संख्या अधिक है. वहीं इसके लक्षण कोरोना से मिलते जुलते होने की वजह से सैंपल टेस्ट किए गए हैं लेकिन कोविड वायरस के नए वेरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है.
WHO ने दी ये अहम जानकरी
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने एक जानकारी दी है और इस जानकारी में बताया है कि चीन में सांस संबंधी बीमारियों के ताजा मामले सामने आये हैं और ये सभी मामले माइकोप्लाज्मा निमोनिया जैसे वायरस के संक्रमण से जुड़े हैं. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी कहा है कि कोविड प्रतिबंधों को हटाने के बाद इसके प्रसार में बढ़ोतरी हुई है. यह एक सामान्य जीवाणु संक्रमण है, जो आमतौर पर बच्चों को प्रभावित करता है और इस साल मई से बीजिंग और लियाओनिंग प्रांत में फैल रहा है.
चीन के अधिकारियों ने जारी की एडवाइजरी
इसी के साथ इस मामले के बढ़ते संक्रमण को लेकर चीन के अधिकारियों ने हेल्थ एडवाइजरी जारी कर लोगों को भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से परहेज करने को कहा है. मेलबर्न स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज के प्रमुख ब्रूस थॉम्पसन ने कहा कि प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि कुछ भी असामान्य नहीं था. थॉम्पसन ने कहा, ‘सैम्पल टेस्टिंग की गई है. ऐसा कुछ भी नहीं मिला है, जिससे यह संकेत मिले कि यह कोविड का एक नया वेरिएंट हो सकता है.