पश्चिम बंगाल की राजनीतिक गलियारों में पिछले कुछ महीनों से बवाल मचा हुआ है। ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल कर राष्ट्रीय राजनीति में उतरने का ऐलान कर दिया है। सीएम बनर्जी लगातार विपक्षी नेताओं के साथ बैठकें भी कर रही हैं।
वहीं, दूसरी ओर विधानसभा चुनाव 2021 में मिली हार के बाद से बंगाल बीजेपी में कलह की खबरें सामने आ रही है। कुछ नेताओं ने पार्टी छोड़ दिया है तो वहीं, कुछ नेता आपस में भिड़े हुए हैं। बीजेपी नेताओं की ओर से उत्तर बंगाल को पश्चिम बंगाल से अलग कर केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग की जा रही है। लेकिन इस मसले पर पार्टी के कई नेता आमने-सामने आ गए हैं। बंगाल विभाजन की मांग पर बीजेपी में रार! दिग्गज नेता राहुल सिन्हा ने बताया साजिश
जानें क्या है पूरा मामला?
पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार से बीजेपी सांसद जॉन बारला ने पिछले दिनों उत्तर बंगाल को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग उठाई थी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष राज्य के बंटवारे का समर्थन किया था।
उन्होंने कहा था कि उत्तर बंगाल के साथ न्याय नहीं हुआ है। अब राज्य में बीजेपी के दिग्गज नेता राहुल सिन्हा ने कहा है कि बंगाल को विभाजित करने की साजिश पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। बीते दिन रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा इस मुद्दे पर पार्टी का कोई स्टैंड नहीं है।
‘बंगाल आज जैसा है वैसा ही रहेगा’
बीजेपी नेता ने कहा, ‘रवींद्रनाथ टैगोर ने बंगाल के विभाजन के विरोध में रक्षा बंधन की शुरुआत की थी। तब से, इस अवसर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्य हैं। इसका राजनीतिक और भौगोलिक महत्व है, क्योंकि इस अवसर को लोगों और प्रांत को एकजुट रखने के लिए मनाया जाता था।‘
राहुल सिन्हा ने कहा, ‘बंगाल को बांटने की साजिश पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। राज्य को विभाजित करने का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि ऐसा कोई मुद्दा नहीं है। राज्य को विभाजित करने के लिए कोई राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय नीति भी नहीं है। हमारी पार्टी का भी राज्य को बांटने का कोई स्टैंड नहीं है। बंगाल आज जैसा है वैसा ही रहेगा।‘
विवादों में घिरे थे बारला
बताते चले कि बीजेपी सांसद जॉन बारला बंगाल विभाजन की बात कर विवादों में घिर गए थे। उन्होंने उत्तर बंगाल के सभी जिलों को मिलाकर एक केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग की थी। तब दिलीप घोष ने कहा था कि बारला द्वारा उत्तर बंगाल को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग उनकी निजी टिप्पणी है और बीजेपी इसके पक्ष में नहीं है। लेकिन पिछले दिनों दिलीप घोष ने इसका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अगर एक अलग उत्तर बंगाल या जंगलमहल की मांग जोर पकड़ती है तो इसकी जिम्मेदारी ममता बनर्जी को लेनी होगी।