देश में वैक्सीनेशन का काम जोर शोर से चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में अभी तक 23 करोड़ 61 लाख 98 हजार 726 लोगों को वैक्सीन लग चुका है। बीते दिन सोमवार को देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीनेशन की रफ्तार को तेज करने और 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को फ्री में वैक्सीन लगाने की बात कही।
कई राज्य सरकारें कुछ महीने पहले ही सरकार से वैक्सीनेशन फ्री करने की मांग करती आ रही है। अब मोदी सरकार ने इसका ऐलान कर दिया है। इसी बीच देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। कांग्रेस ने वैक्सीनेशन की नई पॉलिसी पर सवाल खड़े किए हैं।
पीएम ने किया है पूर्व की सरकारों का अपमान
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘मोदी सरकार ने 16 जनवरी से अब तक तीन बार वैक्सीनेशन पॉलिसी बदली है। साथ ही आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने देश में पहले के टीकाकरण के कार्यक्रमों के बारे में टिप्पणी करके पूर्व में चुनी हुई सरकारों और वैज्ञानिकों का अपमान किया है।‘
पीएम द्वारा पहले के टीकाकरण कार्यक्रमों पर टिप्पणी का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा, ‘आज आपने टीका बनाने वाले वैज्ञानिकों और पूर्व में की चुनी हुई सरकारों को अपमानित किया है। देश 1970 में चेचक से मुक्त हो गया था। देश 2011 में पोलियो से मुक्त हो गया। हैजा और कई दूसरी बीमारियों से पहले ही मुक्ति पा ली गई थी। इस दौरान कांग्रेस की सरकारें थीं।‘
न्यायालय की फटकार के बाद एक्शन
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने पिछले कई महीनों में बार बार यह मांग रखी कि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को मुफ्त टीका लगना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार ने इसे इनकार कर दिया। फिर उच्चतम न्यायालय ने मोदी जी और उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा किया।‘
उन्होंने कहा, ‘अब तक हिन्दुस्तान सरकार वैक्सीन का 50 फीसदी खरीदती आई। अब 50 की जगह 75 फीसदी खरीदेगी। 25 फीसदी प्राइवेट सेक्टर खरीदेगा।
यानी, वेतनभोगी और कारोबारियों के लिए भारत बायोटेक की 1200 प्लस 1200 और 150 प्लस 150 यानी 2700 देना पड़ेगा। सीरम इंस्टीट्यूट की 800 प्लस 800 डोज और 300 रुपये सर्विस टैक्स देना पड़ेगा। क्या छोटे-छोटे काम करने वाले क्या देश के नागरिक नहीं है।‘
दिसंबर तक 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने का दावा
सुरजेवाला ने कहा कि अगर एक घर में छह लोगों है तो उसे भारत वायोटैक की वैक्सीन की दोनों डोज पर साढ़े सोलह हजार रुपये खर्च करने पड़ेगे। उन्होंने कहा कि आम लोगों पर इस तरह की ज्यादती क्यों। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और कुछ लोगों का ये कहना है कि 31 दिसंबर तक 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगा दी जाएगी।
लेकिन अगर सरकार सिर्फ 75 फीसदी वैक्सीन खरीदेगी तब कैसे दिसंबर तक 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन की 200 करोड़ डोज लग जाएगी। उन्होंने कहा कि छह महीने में तीन बार टीकाकरण की नीति को बदलकर लाखों लोगों को संक्रमित होने के लिए क्या पीएम को जिम्मेवार नहीं ठहराया जाना चाहिए।