नेताओं का काम जनता की सेवा करना होता है। लेकिन कई नेता ऐसे होते हैं, जो केवल चुनावी फायदे के लिए जनता का इस्तेमाल हैं। जब भी कभी चुनाव आते हैं, वो तब ही जनता के पास जाते है, उनसे बड़े बड़े वादे करते है, लेकिन एक बार सत्ता में आने के बाद उन्हें भूला भी देते हैं।
विधायक का गाली देते वीडियो वायरल
सत्ता का नशे कुछ नेताओं के इतना सिर चढ़कर बोलने लगता है कि वो उस जनता के साथ ही गलत व्यवहार करने लगते हैं, जिन्होंने वोट दिया। ऐसा ही कुछ राजस्थान कांग्रेस के एक विधायक ने भी किया, जिनका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में कांग्रेस विधायक गोविंद मेघवाल एक शख्स को गालियां देते हुए नजर आ रहे हैं।
ये है पूरा मामला…
हुआ कुछ यूं कि विधायक जी अपने विधानसभा क्षेत्र के स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम के लिए आए थे। इस दौरान एक युवक ने उनसे सवाल पूछ लिया। इस दौरान वो शख्स मोबाइल में रिकॉर्डिंग भी करने लगा, जिस पर विधायक गोविंद मेघवाल गुस्सा गए और अपना आपा खोते हुए गालियां देने लगे। उन्होंने सारी हदें पार करते हुए युवक को मां-बहन तक की गालियां दे डाली।
सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रही है, उसमें कांग्रेस MLA को कई बार गालियां देते हुए नजर आ रहे हैं। यही नहीं इस दौरान उन्होंने महिलाओं को भी गाली दीं। पहले उन्होंने अपनी गाड़ी से बैठे बैठे ही लोगों को गाली दी। इसके बाद उन्होंने कार से उतरकर गाली देते हुए कहा कि हम किसी के गुलाम नहीं हैं जो बार-बार यहां आएंगे।
इस दौरान विधायक गोविंद मेघवाल ने भी आरोप लगाया कि सवाल पूछने वाला शख्स विपक्ष पार्टी का साथी है और उनको बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।
शांतिभंग के आरोप में युवक गिरफ्तार
इसके बाद उन्होंने अपनी पावर का इस्तेमाल करते हुए उस युवक को गिरफ्तार करा दिया। सवाल पूछने पर ईश्वरराम नाम के व्यक्ति पर शांतिभंग करने के आरोप लगाए गए, जिसको लेकर ग्रामीण नाराज हैं। राजस्थान के बीजेपी नेता लक्षमीकांत भारद्वाज ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस वीडियो को शेयर किया। जिसके बाद लोग इन कांग्रेस विधायक के इस बर्ताव की खूब आलोचना करते हुए नजर आ रहे हैं।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि गोविंद मेघवाल बीकानेर जिले के खाजूवाला से विधायक हैं। वो पहले बीजेपी में थे। तब गोविंद मेघवाल वसुंधरा सरकार में संसदीय सचिव थे। इसके बाद पार्टी बदलकर कांग्रेस में आ गए। कांग्रेस में आने के बाद उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया गया। खबरें ऐसी हैं कि अब उन्हें राज्य की गहलोत सरकार में मंत्री भी बनाया जा सकता है।