राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंदोलनजीवी का जिक्र किया था। जिसपर जमकर सियासत हो रही है। विपक्षी पार्टियों के कई नेताओं ने पीएम मोदी को देश की आजादी के लिए हुए आंदलनों को याद दिलाया, उनके इस बयान की निंदा की और तंज भी कसे। इसी बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने इसे लेकर मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि वह आंदोलनजीवी हैं और उन्हें इस पर गर्व है।
कांग्रेस के नेताओं ने उठाए सवाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा, ‘मुझे आंदोलनजीवी होने पर गर्व है। सर्वोत्कृष्ट (सबसे अच्छे) आंदोलनजीवी महात्मा गांधी थे।‘
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आंदोलनजीवी पर प्रतिक्रिया देते हुए पिछले दिनों कहा था कि ‘मोदी जी, इन आंदोलन जीवियों के बारे में आपकी क्या राय है: महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, चंद्र शेखर आज़ाद…अगर ये आंदोलन ना करते तो, क्या आज देश आज़ाद होता? पहले बोलो, फिर तोलो!’
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने आंदोलनजीवी शब्द को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘मोदी जी आप क्या हैं? परजीवी भाषणजीवी आंदोलनजीवी स्वजीवी? या जैसा समय वैसा भेस?’
अखिलेश यादव ने बोला हमला
वहीं,समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ‘आंदोलनों से स्वतंत्रता पाने वाले देश में आंदोलनरत किसानों-नागरिकों को ‘आंदोलनजीवी’ जैसे आपत्तिजनक शब्द से संबोधित करना हमारे देश के क्रांतिकारियों एवं शहीदों का अपमान है। आज़ादी के आंदोलन में दोलन करने वाले आंदोलन का अर्थ क्या जाने। भाजपा शहीद स्मारक पर जाकर माफ़ी माँगे!’
जानें, क्या था पीएम मोदी का पूरा बयान?
बता दें, पीएम मोदी ने बीते सोमवार को राज्यसभा में विदेशों से आंदोलन को प्रभावित करने के प्रयासों का जिक्र किया था। पीएम ने विदेशी विध्वंसक विचारधारा’ (एफडीआई) करार दिया और कहा कि देश में आंदोलनकारियों की नई नस्ल ‘आंदोलन जीवी’ पैदा हो गई है जो बिना किसी हंगामे के नहीं रह सकती।
उन्होंने कहा था कि ‘हम लोग कुछ शब्दों से बड़े परिचित हैं, जैसे श्रमजीवी, बुद्धिजीवी…ये सभी शब्दों से परिचित हैं लेकिन पिछले कुछ समय से मैं देख रहा हूं कि देश में एक नई तरह की जमात पैदा हो गई है, एक नई बिरादरी पैदा हुई है और ये आंदोलनजीवी, ये जमात आप देखोगे.. वकीलों का आंदोलन हैं वहां नजर आएंगे, स्टूडेंट का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे..मजदूरों का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे। ये हर जगह पहुंचकर गुमराह करते हैं।‘