Wadettiwar on Mangeshkar family: बॉलीवुड की स्वर कोकिला लता मंगेशकर के परिवार के खिलाफ महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री विजय वडेट्टीवार द्वारा दिया गया बयान तूल पकड़ चुका है। वडेट्टीवार ने मंगेशकर परिवार को ‘लुटेरों का गिरोह’ बताते हुए उन्हें समाज के लिए कोई भला न करने का आरोप लगाया। उनका यह बयान इस वक्त चर्चा का विषय बन गया है और राजनीतिक गलियारों में विवाद खड़ा कर दिया है।
विवाद की शुरुआत: गर्भवती महिला की मौत- Wadettiwar on Mangeshkar family
दरअसल, यह विवाद तब शुरू हुआ जब पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में एक गर्भवती महिला की मौत की खबर सामने आई। महिला को कथित तौर पर अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया, क्योंकि उसने 10 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान नहीं किया था। यह घटना बीजेपी MLC अमित गोरखे के निजी सचिव की पत्नी तनीषा भिसे से जुड़ी हुई है। महिला की मौत के बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई। कमेटी ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि उसने धर्मार्थ अस्पतालों के लिए निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन किया है, जो इमरजेंसी मामलों में अग्रिम भुगतान की मांग नहीं करते।
महिला की मौत के बाद यह मामला बहुत बढ़ गया और इसने मंगेशकर परिवार के खिलाफ गंभीर आरोपों का दौर शुरू कर दिया। विजय वडेट्टीवार ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मंगेशकर परिवार को कठघरे में खड़ा किया और उन्हें आलोचनाओं का शिकार बनाया।
वडेट्टीवार का बयान और मंगेशकर परिवार पर आरोप
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने मंगेशकर परिवार पर अपनी कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, “यह मानवता के नाम पर कलंक है और यह लुटेरों का गिरोह है।” उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कभी किसी ने सुना है कि मंगेशकर परिवार ने समाज के लिए दान किया हो? उनका कहना था कि लता मंगेशकर को केवल उनकी गायकी के लिए सराहा गया है, लेकिन उन्होंने कभी किसी सामाजिक कार्य में भाग नहीं लिया।
वडेट्टीवार ने यह भी आरोप लगाया कि मंगेशकर परिवार ने उस व्यक्ति के साथ भी अच्छा व्यवहार नहीं किया, जिसने दीनानाथ मंगेशकर चैरिटी अस्पताल के लिए जमीन दान की थी। कांग्रेस नेता ने मांग की कि इस तरह के चैरिटेबल अस्पतालों में गरीबों को लूटने की प्रथा को तुरंत बंद किया जाए।
मंगेशकर परिवार का रुख
मंगेशकर परिवार ने इस विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, इस तरह की टिप्पणी ने परिवार और उनके समर्थकों को चकित कर दिया है। लता मंगेशकर का परिवार हमेशा अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए जाना जाता है, और इस पर सार्वजनिक रूप से चुप्पी साधे रखना अपने आप में एक संकेत है कि वे इस विवाद में अपनी ओर से कोई बयान नहीं देना चाहते।
दीनानाथ मंगेशकर चैरिटी अस्पताल की स्थापना
विजय वडेट्टीवार ने जो टिप्पणी की, वह खासतौर पर दीनानाथ मंगेशकर चैरिटी अस्पताल से जुड़ी है। यह अस्पताल 2001 में पुणे के एरंडवणे इलाके में 6 एकड़ जमीन पर स्थापित किया गया था, जिसे मंगेशकर परिवार के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में स्थापित किया गया। दीनानाथ मंगेशकर, लता मंगेशकर के पिता, एक प्रसिद्ध मराठी गायक और अभिनेता थे। अस्पताल की स्थापना के दौरान इस अस्पताल को पूरी तरह से चैरिटेबल उद्देश्यों के लिए बनाया गया था, जिसमें गरीब और जरूरतमंद लोगों को उपचार प्रदान किया जाता है।
कांग्रेस नेता की आलोचना और अस्पताल का योगदान
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार की आलोचना के बावजूद, दीनानाथ मंगेशकर चैरिटी अस्पताल ने हमेशा समाज के लिए अपनी सेवाएं दी हैं। इस अस्पताल में हजारों गरीब लोगों का इलाज किया गया है, और यह अस्पताल पुणे में एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान के रूप में स्थापित हो चुका है।
हालांकि, वडेट्टीवार के बयान ने इस विवाद को और बढ़ा दिया है और अब यह राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है।