
किसान आंदोलन को लेकर देश में सियासत चरम पर है। विपक्षी पार्टियां लगातार केंद्र सरकार को निशाने पर ले रही है और तरह-तरह के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। दिल्ली के बॉर्डरों पर किसान पिछले 74 दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और केंद्र सरकार से इन कानूनों को वापस करने की मांग कर रहे हैं।
किसान नेताओं और सरकार के मंत्रियों के बीच अभी तक 11 दौरे की बैठक भी हो चुकी है लेकिन नतीजा अभी भी कोसों दूर दिख रहा है। इस मामले को लेकर देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर है। इसी बीच कांग्रेस शासित राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि बहुमत के आधार पर सरकार मनमानी नहीं कर सकती है।
सरकार को छोड़ना चाहिए अपना अड़ियल रवैया
राजस्थान के दौसा में मीडिया को संबोधित करते हुए पायलट ने यह बात कही। उन्होंने कहा, बीजेपी वालों ने किसानों से आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन अब उस पर संकट आया तो पूरी पार्टी किसानों के खिलाफ खड़ी है।
उन्होंने कहा, आज पूरे देश का किसान बीजेपी को उसके चुनावी वादे याद दिलाना चाहता है। केंद्र सरकार को अपना अहम छोड़ना चाहिए, बहुमत के आधार पर आप मनमानी नहीं कर सकते, हम किसानों की मांग के साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे।
सचिन पायलट ने कहा, पूरे देश में किसानों की आवाज को हम पुरजोर तरीके से उठा रहे हैं और एक ही मांग है कि केंद्र सरकार को ये तीनों कृषि कानून वापस लेने चाहिए। उन्होंने कहा, सरकार को अपनी जिद व अड़ियल रवैये को छोड़कर जनता की बात सुननी चाहिए और ये कानून वापस लेने चाहिए। पायलट ने कहा कि किसानों के मुद्दों को लेकर हम हमेशा से अपने किसान भाइयों के साथ रहे हैं।
बता दें, किसान आंदोलन का आज 75 वां दिन है। देश के कई हिस्सों के किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर डटे हुए हैं। अभी तक 150 से ज्यादा किसानों के मौत की खबर भी सामने आ चुकी है। किसान नेताओं ने सरकार से एक बार फिर से बातचीत करने की बात कही है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले कुछ ही दिनों में किसान नेताओं और सरकार के मंत्रियों के बीच बैठक हो सकती है और इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।
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