देश के कई बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसे लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में लगी है। पक्ष-विपक्ष में जमकर आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिल रहा है। इसी बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड़ से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर से देश की सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी के पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने दावा किया है कि RSS में महिलाओं और बुजुर्गों का सम्मान नहीं होता, इसलिए उसे संघ परिवार कहना सही नहीं।
राहुल गांधी का पूरा बयान
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि RSS और उससे जुड़े संगठन को संघ परिवार कहना सही नहीं है। परिवार में महिलाएं होती हैं, बुजुर्गों के लिए सम्मान होता है, करुणा और स्नेह की भावना होती है, जो RSS में नहीं है। अब मैं RSS को संघ परिवार नहीं कहूंगा!’
RSS के स्कूलों पर उठाए थे सवाल
कांग्रेस सांसद इससे पहले भी कई बार RSS को निशाने पर ले चुके हैं। इससे पहले उन्होंने RSS से जुड़े स्कूलों की तुलना पाकिस्तानी कट्टरपंथी मदरसों से कर दी थी। जो जिहादी पाठ पढ़ाने के लिए पूरी दुनिया में बदनाम हैं।
तब राहुल गांधी ने कहा था कि ‘RSS ने अपने स्कूलों के जरिए हमला शुरू किया। जैसे पाकिस्तान के कट्टरपंथी इस्लामवादी अपने मदरसों का इस्तेमाल करते हैं, काफी कुछ उसी तरह RSS अपने स्कूलों में एक खास तरह की दुनिया दिखाता है। कोई ये नहीं पूछता कि सैकड़ों-हजारों स्कूल चलाने के लिए RSS को पैसा कहां से मिलता है। वे मुनाफा कमाने वाले स्कूल नहीं हैं, इसलिए कोई सवाल नहीं पूछ रहा।’
असम की चुनावी रैली में किया था RSS का जिक्र
पिछले दिनों असम में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए भी राहुल गांधी ने RSS और बीजेपी को निशाने पर लिया था। उन्होंने कहा था कि ‘नागपुर में एक ताकत देश को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है लेकिन युवाओं को प्यार और विश्वास से इस कोशिश को रोकना होगा क्योंकि वे देश का भविष्य हैं।‘ दरअसल, नागपुर में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का मुख्य कार्यालय है।
सरदार पटेल ने लगाई थी RSS पर बैन
बता दें, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) एक संस्था है, जिसके लोक शिक्षा समिति, विद्या भारती समेत कई बड़े अंग है। इसकी स्थापना डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने सन् 1925 में की थी। कांग्रेस पार्टी से अलग होने के बाद डॉ हेडगेवार ने इसकी नींव रखी थी।
आजादी के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने कुछ बड़े कारणों से इस संस्था पर बैन लगा दी थी। लेकिन बाद में बैन हटा और यह संस्था फिर से एक्टिव हो गई। बाद में जनसंघ और आरएसएस के कुछ नेताओं ने मिलकर 1980 में भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी।
मौजूदा समय में देशभर में विद्या भारती के अंतर्गत करीब 30,000 स्कूल चलाए जाते हैं। विद्या भारती RSS का ही अंग है और शिक्षा के क्षेत्र में इसे भारत का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन भी माना जाता है।