देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में हलचल मची हुई है। पार्टी की कई राज्य इकाईयों में हालात कुछ ठीक नहीं है। पार्टी के नेता ही अपने राज्य सरकार और अपने राज्य के सीएम पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस शासित पंजाब में भी हालात कुछ ऐसा ही है।
पार्टी के दिग्गज नेता नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर हमला करने का एक भी मौका नहीं छोड़ते। पिछले कुछ समय से वह लगातार प्रदेश सरकार की नीतियों और तमाम फैसलों पर सवाल उठाते आए हैं। इसी बीच उन्होंने एक बार फिर से 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं को लेकर सवाल उठाए हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू ने बोला हमला
क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा, ‘उचित को जान के उस पर अमल ना करना कायरता का आभास है।‘ कांग्रेस नेता ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘पंजाब पुलिस द्वारा प्रतिदिन हजारों मामले सुलझाए जाते हैं, किसी को भी एसआईटी या जांच आयोग की आवश्यकता नहीं होती है। मैंने कई बार बेअदबी, बहबल कलां और कोटकपुरा फायरिंग के पीछे बादल की भूमिका का विस्तार से वर्णन किया है।‘
दरअसल, साल 2015 में एक धार्मिक पाठ के अपमान के दौरान पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई थी। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने इतने सालों तक चले मामलें की रिपोर्ट क पिछले महीने रद्द कर दिया। 2015 कोटकपूरा गोलीबारी मामले की जांच रिपोर्ट को रद्द करने के बाद से सिद्धू पंजाब के मुख्यमंत्री की आलोचना कर रहे हैं।
इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने अमरिंदर सिंह पर इस मामले में जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया था। जिसके बाद पंजाब के सीएम ने पलटवार करते हुए सिद्धू के इस प्रतिक्रिया को पूर्ण अनुशासनहीनता कहा था।
शीर्ष नेतृत्व ले सकता है एक्शन
पंजाब सरकार के मंत्री लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह से नवजोत सिंह सिद्धू पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। बता दें, राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक पार्टियां अभी से ही अपनी तैयारियों में लग गई है। नवजोत सिंह सिद्धू और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच अनबन की खबरें आती रहती है।
जिसे लेकर विपक्षी पार्टियां भी कांग्रेस पर तंज कसते रहती है। अगले साल चुनाव को देखते हुए इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि कांग्रेस पार्टी की शीर्ष नेतृत्व इन दोनों नेताओं के बीच में जल्द ही सुलह करा सकती है और आगामी चुनाव पर फोकस कर सकती है।