सोमवार को कांग्रेस पार्टी को एक और झटका लगा। कांग्रेस के हाथों से एक और राज्य की सत्ता छीन गई। दरअसल, चुनाव से कुछ महीने पहले ही पुडुचेरी में ऐसा सियासी घमासान मचा कि राज्य की सत्ताधारी नारायणसामी की सरकार गिर गई। सोमवार को फ्लोर टेस्ट में उनकी सरकार बहुमत साबित करने में कामयाब नहीं हो पाई। जिसके बाद सीएम नारायणसामी ने गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
पुडुचेरी से सत्ता छीनने के बाद अब कांग्रेस दक्षिण भारत से पूरी तरह साफ हो चुकी है। एक ऐसा समय था जब दक्षिण भारत कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता था। लेकिन अब तस्वीर इससे एकदम उलट हो गई है। कांग्रेस ने कर्नाटक के बाद आज दूसरा राज्य पुडुचेरी भी गंवा दिया है।
5 राज्यों में ही बची है कांग्रेस
2014 में लोकसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस पार्टी लगातार कमजोर होती हुई दिख रही है। बीजेपी के साथ सत्ता हासिल करने की लड़ाई में कांग्रेस पिछड़ रही है। भले ही पार्टी ने कुछ राज्यों में वापसी की हो, लेकिन अभी भी कुछ 5 ही राज्य में कांग्रेस की सरकार अब बची हुई है, जिसमें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और राजस्थान शामिल है।
महाराष्ट्र और झारखंड की कांग्रेस पार्टी भले ही सत्ता में, लेकिन वहां पर पार्टी गठबंधन में है। वहां कांग्रेस की भूमिका नंबर तीन और नंबर दो की है।
पहले कर्नाटक, फिर मध्य प्रदेश और अब पुडुचेरी
इससे पहले मध्य प्रदेश से भी कांग्रेस की चुनी हुई सरकार सत्ता से बेदखल हो चुकी है। 15 सालों के बाद मध्य प्रदेश की सत्ता कांग्रेस के हाथ लगी थी। लेकिन वो सरकार महज 15 महीनों में ही गिर गई। ज्योदिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़ बीजेपी में चले गए और उनके साथ कई विधायकों ने पार्टी छोड़ दी। जिसके बाद मध्य प्रदेश से कांग्रेस की कमलनाथ सरकार सत्ता से गिर गई और दोबारा से शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व की सरकार सत्ता में आई।
सिर्फ यही नहीं 2019 में कर्नाटक राज्य भी कांग्रेस से छिन गया था। तब कांग्रेस-JDS गठबंधन के 17 विधायकों ने इस्तीफा दिया था। जिसके बाद कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार बहुमत हासिल करने में सफल नहीं हो पाई। जिसके बाद यहां भी बीजेपी की सरकार सत्ता में आ गई।
5 राज्यों के चुनाव होंगे पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण
अब इस साल पांच राज्यों में चुनाव होने है, जिसमें पश्चिम बंगाल, केरल, असम, पुडुचेरी और तमिलनाडु शामिल है। इन सभी राज्यों में सत्ता हासिल कर पाना कांग्रेस के लिए मुश्किलों से भरा होगा। बंगाल में तो सीधा मुकाबला TMC और बीजेपी के बीच का ही दिख रहा है और इसमें कांग्रेस दूर-दूर तक नहीं नजर आ रही।
इसके अलावा तमिनलाडु में कांग्रेस, डीएमके के साथ सत्ता में आने की कोशिश करना चाहेगी। इसके अलावा केरल और असम की राह भी कांग्रेस के लिए चुनौती भरी होगी।