पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है। देश में कोरोना के मामलों में कमी जरुर आई है लेकिन संक्रमण से होने वाली मौत के आंकड़ों में कोई कमी नहीं देखी जा रही है। देश में वैक्सीनेशन का काम भी जोरों पर है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक करीब 20 लाख लोगों को वैक्सीन लगाया जा चुका है।
कई राज्यों में वैक्सीन की कमी भी देखने को मिल रही है। देश के राज्य डायरेक्ट वैक्सीन बनाने वाली विदेशी कंपनियों के साथ डील नहीं कर सकते हैं, जिसे लेकर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने अपनी बात रखी है।
मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की करें शुरुआत
आनंद शर्मा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्विट करते हुए कहा, ’लोकतंत्र की शक्ति सहयोग और संवाद है। प्रधानमंत्री के पास देश के निर्वाचित नेता के रूप में जनादेश है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी संवैधानिक जनादेश मिला है, जिसे मान्यता दी जानी चाहिए। भारत एक संघीय देश है और संविधान की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए।‘
मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस चुनौती का सामना करने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की पहल करें। लोकतंत्र में विचारधाराओं का विरोध बना रहेगा लेकिन ये अंतर व्यक्तिगत नहीं होने चाहिए। संकट की इस घड़ी में हम सभी को एकजुट रहना चाहिए। 9/9
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) May 25, 2021
राज्यसभा सांसद ने कहा, ‘केंद्र और राज्यों के बीच टकराव का रास्ता भारत के राष्ट्रीय हित को आहत करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने सहकारी संघवाद की बात की है। अब इस मंत्र पर अमल करने का समय है।‘
शर्मा ने आगे कहा,‘मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस चुनौती का सामना करने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की पहल करें। लोकतंत्र में विचारधाराओं का विरोध बना रहेगा लेकिन ये अंतर व्यक्तिगत नहीं होने चाहिए। संकट की इस घड़ी में हम सभी को एकजुट रहना चाहिए।‘
फाइजर और मॉडर्ना ने किया मना
बता दें, कई विदेशी कंपनियों ने सीधे तौर पर देश के राज्यों को वैक्सीन की सप्लाई देने से मना कर दिया है। पिछले दिनों दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि फाइजर और मॉडर्ना ने कोरोना वायरस के टीके सीधे दिल्ली सरकार को बेचने से मना कर दिया है और इन कंपनियों ने कहा है कि वे केवल केंद्र से बात करेंगी।
गौरतलब है कि कोरोना का टीका बनाने वाली अमेरिकी कंपनियां फाइजर और मॉडर्ना सीधे केंद्र सरकार को अपना टीका देंगी। फाइजर ने सेामवार को कहा, देश में टीकाकरण अभियान का संचालन उनका अंदरूनी मामला है। हम इसमें राज्य सरकारों के साथ कोई लेनदेन नहीं करेंगे। फाइजर सीधे केंद्र सरकार को टीका देगी। वहीं तेलंगाना और पंजाब को मना करने के बाद मॉडर्ना ने दिल्ली को भी टीका देने से इनकार कर दिया।