देश में जारी कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को लेकर मंगलवार को एक बहुत बड़ी खबर सामने आई। ये खबर थीं बच्चों की कोरोना वैक्सीन से जुड़ी। खबर ये आई कि बच्चों की कोरोना वैक्सीन को भी सरकार ने मंजूरी दे दी है। कई मीडिया रिपोर्ट्स ऐसा दावा कर रही थीं कि 2 से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन की हरी झंडी सरकार से मिल गई। उनको भारत बायोटेक द्वारा बनाई जा रही कोवैक्सीन लगाई गई। हालांकि अब इस खबर को लेकर कंफ्यूजन हो गई हैं।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने दिया अलग बयान
ऐसा इसलिए क्योंकि स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने इस खबरों के उलट बयान दिया। भारती प्रवीण पवार ने साफ किया कि बच्चों के लिए वैक्सीन की इजाजत अभी नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में काम किया जा रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है इसको लेकर कुछ कंफ्यूजन सामने आई। अभी तक DCGI की भी मंजूरी नहीं मिली है। इस पर एक्सपर्ट्स फैसला लेंगे, तब ही वैक्सीन आएगी। इसकी प्रक्रिया जारी है और हम इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करते।
बच्चों की वैक्सीन का चल रहा ट्रायल
बता दें कि पिछले हफ्ते ही भारत बायोटेक ने 18 से कम उम्र के बच्चों के लिए कोवैक्सीन के दूसरे चरण का ट्रायल पूरा किया। ऐसा बताया जा रहा है कि बच्चों पर चल रहे वैक्सीन के ट्रायल के नतीजे संतोषजनक सामने आ रहे हैं। बच्चों के लिए भी कोरोना वैक्सीन की जल्द इजाजत मिलने की उम्मीदें जताई जा रही है।
थर्ड वेव का खतरा बरकरार
महामारी कोरोना का खतरा देश पर से अभी तक से पूरी तरह गया नहीं। केस कम हो गए, लेकिन तीसरी लहर का डर लगातार बना हुआ है। कोरोना से बचाव के लिए देशभर में जोरों-शोरों पर कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान चलाया जा रहा है। अब तक 95 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। हालांकि अभी बच्चे कोरोना वैक्सीन से वंचित हैं। इसलिए तीसरी लहर का खतरा सबसे ज्यादा उन पर ही बना हुआ है। ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि आखिर कब तक सरकार की तरफ से बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन को हरी झंडी दी जाती है?