राजस्थान किसी ना किसी वजह से चर्चा का विषय बना हुआ है। कभी राजनीतिक सरगर्मियां तो कभी तीखी बयानबाजियों से राज्य की सियासत लगातार गर्माई हुई है। वहीं अब इसके बाद राजस्थान में सांप्रदायिक हिंसाएं भी लगातार बढ़ती हुई देखने को मिल रही है। करौली, जोधपुर के बाद भीलवाड़ा में भी सांप्रदायिक तनाव देखने को मिला है। यहां एक युवक की चाकू से गोदकर हत्या करने के बाद माहौल बिगड़ गया। हालात इतने खराब हो गए कि यहां इंटरनेट सेवाएं तक बंद करनी पड़ी।
भीलवाड़ा में हत्या के बाद मचा बवाल
दरअसल, भीलवाड़ा के कोतवाली क्षेत्र में एक 22 साल के युवक की बर्बरता से हत्या कर दी गई, जिसके बाद माहौल काफी तनावपूर्ण बना हुआ है। मंगलवार रात को ब्राहम्णी स्वीट्स पर पैसों को लेकर कुछ लोगों में विवाद हुआ। जिसके बाद युवक की दूसरे समुदाय के लोगों ने चाकू मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद से ही इलाके में काफी तनाव बढ़ गया। घटना के बाद BJP-VHP ने बुधवार को भीलवाड़ा में बंद का आह्वान किया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने 24 घंटे के लिए यहां इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया है।
भरतपुर में भी बढ़ा तनाव
भीलवाड़ा के अलावा ऐसा ही एक मामला बीते दिन भरतपुर से भी सामने आया है, यहां 8 साल पुरानी रंजिश को लेकर दो गुट आमने-सामने आए। जिसके बाद दोनों समुदायों (मुस्लिम और सिख) के बीच संघर्ष देखने को मिला। दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर पथराव किया। पत्थरबाज़ी और तोड़फोड़ के बाद धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं इस मामले में छतों पर कांच की बोतलें और पत्थर मिलने पर पुलिस भी सतर्क हो गई। पुलिस ड्रोन से निगरानी बनाए हुए है और सख्ती से इस मामले की कार्रवाई कर रही है। इसके अलावा पुलिस ने भ्रामक ख़बर फैलाने वालों को चेतावनी भी दी।
बताते चलें कि यहां विवाद 8 साल पहले के विवाद को लेकर हुआ था। दरअसल, भरतपुर में ही सिख गुरुद्वारे में लंगर करा रहे थे, तभी मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा। लेकिन जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने सिख समुदाय के घरों पर पत्थरबाजी की। इसके बाद दोनों ही समुदाय के लोग लाठी लेकर आमने-सामने आ गए थे।
राजस्थान में बढ़ रही सांप्रदायिक घटनाओं की वजह क्या?
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से राजस्थान में सांप्रदायिक हिंसाओं की घटनाएं बहुत तेज़ी से बढ़ती हुई दिख रही है। सबसे पहले करौली में दो गुटों के बीच हिंसक रुप देखने को मिला था। जहां हिंदू नववर्ष के दौरान बाइक रैली निकाली जा रही थी, तभी कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया। जिसके बाद हिंसा भड़की और जगह-जगह तोड़-फोड़ कर आगजनी हुई। मामले को देखते हुए पुलिस ने एक्शन लिया और कई लोगों को गिरफ्तार किया।
करौली के बाद बीते दिनों जोधपुर में भी दो गुटों के बीच जमकर बवाल मचा था। जहां भगवा झंडा को हटाकर उसकी जगह इस्लामिक झंडे को लगाने के पीछे हिंसा हुई। मामला इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच पथराव हुआ और पत्थरबाज़ी में कई लोग चोटिल हुए। पुलिस की निगरानी में आते ही जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर मामले की जांच की।
गौरतलब है कि राजस्थान में सामुदायिक मामले एक के बाद एक बढ़ते ही जा रहे है, जो खत्म होने का नाम ही नही लें रहे। इसकी वजह से वहां की सरकार और पुलिस प्रशासन दोनों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि देखना ये होगा कि अब सांप्रदायिक मामले कब खत्म होते है और राज्य में शांति का माहौल कायम करने के लिए सरकार की तरफ से क्या कदम उठाए जाते हैं?