देश में अभी झुलसाती गर्मी चरम सीमा पर है। हर कोई इस भीषण गर्मी से तप रहा है, लेकिन इसी बीच देश में कोयला की अपार कमी हो गई है,जो एक बेहद चिंता का विषय है। देश के कई हिस्सों में लोगों को पावर कट का सामना भारी मात्रा में करना पड़ रहा है। देश में अचानक कोयले की कमी का कारण विश्व में चल रहे रूस और यूक्रन युद्ध को बताया जा रहा है, क्योंकि इस युद्ध के कारण आयातित कोयले की कीमत में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। साथ ही ऐसा भी कहा जा रहा कि कुछ बड़े पावर प्लांट अपनी क्षमता से कम बिजली उत्पादन कर रहे हैं। केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (CEA) की दैनिक कोयला भंडार रिपोर्ट की मानें तो 165 ताप बिजली स्टेशनों में से 56 में 10 फीसदी या उससे कम कोयला शेष बचा है। जबकि भारत की 70 प्रतिशत बिजली की मांग कोयले से पूरी होती है।
हालांकि देश में कोयला कमी और बिजली संकट पर केंद्रीय मंत्री प्रहाद जोशी ने कहा है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। देश के थर्मल पलांट में करीब 22 मिलियन टन कोयला मौजूद है। वहीं कोल इंडिया के पास 567 लाख टन कोयले का भंडार है, जबकि सिंगरेनी कोलियरीज के पास 47 लाख टन भंडार पड़ा है, जिससे भीषण गर्मी पड़ने वाले राज्यों में आसानी से बिजली की भरपाई हो जाएगी। बिहार ,झारखंड, उत्तर प्रदेश ,हरियाणा, पंजाब ,महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश समेत देश के 16 राज्य पावर कट की समस्या से जूझ रहे हैं। इन राज्यों में लोग एक दिन में औसतन दो से आठ घंटे के पावर कट का सामना कर रह हैं।
बिजली की रिकॉर्ड स्तर पर डिमांड
बीते कुछ सालों की तुलना में वर्ष 2022 में बिजली सप्लाई की रिकॉर्ड मांग देखने को मिली है, जिसका सबसे बड़ा कारण 2022 की झुलसा देने वाली गर्मी। वहीं कोयले की देश में कमी के कारण सरकार द्वारा बिजली की ये डिमांड पूरी नहीं हो पा रही। आपको बता दें UP में 22,000 मेगावाट बिजली के मांग है जबकि 18,000 मेगावाट बिजली की उपलब्धता है। पिछले साल जुलाई में बिजली आपूर्ति का सर्वाधिक रिकॉर्ड 2,00,530 मेगावाट था। सबसे अधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में कोयले का स्टॉक भी जरूरत के अनुपात में महज 26 फीसदी ही बचा है, जिससे बिजली संकट और गहराने का खतरा बढ़ गया है।
बिजली कटौती पर राहुल का सरकार पर हमला
देश के कई राज्यों में चल रहे बिजली संकट को लेकर अब विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए सरकार को देश में बिजली संकट और कोयले की कमी को लेकर घेरा है। राहुल अपने पोस्ट में लिखते हैं- मैंने मोदी सरकार को चेतावनी दी थी कि बिजली की मांग चरम पर होने के कारण कोयले के भंडार की कमी देश के लिए तकलीफ का कारण बनेगी, लेकिन सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के बजाए इसको लेकर एक इनकार जारी कर दिया था।
बिजली कटौती पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की पत्नी साक्षी धोनी ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि मेरे पति धोनी सरकार को सबसे ज्यादा टैक्स देते है फिर भी हम लोग झारखंड में बीते कुछ दिनों से पावर कट का सामना कर रहे हैं। क्या ये सब सही है?
बिजली संकट को दूर करने में रेल की मदद
रेलवे ने देश में चल रहे बिजली संकट को खत्म करने के लिए मालगाड़ियों से 16.2 लाख टन कोयला भेजा है। बिजली संकट को देखते हुए मालगाड़ी की लदान और उसकी रफ्तार बढ़ा दी गई है। मालगाड़ियों की आवाजाही के लिए 21 जोड़ी मेल-एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों के 753 फेरे निरस्त कर दिए गए हैं। जिसके कारण छत्तीसगढ़, ओड़िशा, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे कोयला उत्पादक राज्यों से आने-जाने वाले लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।