उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक कोचिंग संचालक विवेक कुमार द्वारा एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। विवेक ने इस मामले में कुछ 20 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। पुलिस ने इस मामले में राहुल सिंह परिहार और बादल सिंह नाम के दो युवकों को गिरफ्तार किया है। जिन्होंने मामले से जुड़े कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने विवेक पर यह आरोप लगाया कि वह ये सब झूठे आरोप लगाकर फेम हासिल करना चाहता है। उन्होंने आरोप लगाया कि विवेक कुमार दिल्ली में भी इसी तरह की वारदात कर भाग चुका है। वहां भी उसने कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया, इसलिए उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया। इसके अलावा विवेक का एक पुराना वीडियो भी इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह हवा में बंदूक लहरा रहे हैं। जिसे लेकर अब विवेक ने अपनी एक पोस्ट के जरिए सफाई दी है।
वहीं बादल और राहुल के परिजनों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि इस मामले के असली दोषियों को सजा मिलनी चाहिए और किसी निर्दोष को फंसाने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि प्रयागराज में कोचिंग संचालक विवेक कुमार से हाल ही में एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई थी। कथित तौर पर कुछ लोग कोचिंग सेंटर में घुसे और अभ्यर्थियों के सामने ही उनसे पैसे वसूलने लगे। इस दौरान आरोपियों ने काफी बदतमीजी भी की। इस पूरे मामले का खुलासा होने के बाद शिक्षक और कोचिंग संचालक विवेक कुमार ने 20 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। जवाब में पुलिस ने दखल दिया और दो आरोपियों को हिरासत में लिया।
छात्रों ने लगाया विवेक कुमार पर आरोप
इस मामले को लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुछ छात्र नेताओं ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। छात्र नेताओं ने यूपी तक से बात करते हुए अपना पक्ष रखा। छात्र नेता राजेश शर्मा ने कहा, “विवेक कुमार ने इलाहाबाद को छात्रों के लिए मछली बाजार बना दिया है। विवेक कुमार ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर खुद को मशहूर करने की कोशिश की। अगर छात्र अपनी फीस वापस मांगते हैं तो उन पर रंगदारी मांगने का आरोप लगाया जाता है। यह पूरी तरह से गलत है और छात्रों के अधिकारों के खिलाफ है। इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।”
वायरल वीडियो का सच क्या है?
रंगदारी के झूठे आरोपों के बाद विवेक कुमार का एक वीडियो भी इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वह हवा में बंदूक लहराते और किसी समारोह का लुत्फ उठाते नजर आ रहे हैं। प्रयागराज में कोचिंग संचालक का यह वीडियो वायरल होने के बाद उनके चरित्र को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इन सब को लेकर अब विवेक कुमार ने एक पोस्ट शेयर कर कहा है कि उनके चरित्र को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है और उन्होंने इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
विवेक कुमार- मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही
विवेक कुमार ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही कथित वीडियो के संबंध में मुझे कथित तौर पर एक वाहन पर खड़े होकर किसी सभा में एक गाने पर नृत्य करते हुए दिखाया जा रहा है। इस संबंध में, मैं कहना चाहूंगा कि मुझे इस तरह से चित्रित करना मुझे बदनाम करने और मेरे खिलाफ नेगटिव जनमत तैयार करने के लिए पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण प्रचार है। यह प्रचार उन असंख्य अपराधियों द्वारा किया जा रहा है जो पैसे ऐंठने और मुझे और मेरे स्टाफ को धमकाने के लिए 10 सितमबर 2024 को मेरे कोचिंग सेंटर में घुस आए थे। उसी के संबंध में, मैंने प्रयागराज जिले के जॉर्ज टाउन पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर संख्या 223 / 2024 भी दर्ज कराई है, जिसमें जांच चल रही है। मुझ पर अपनी शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाने और मुझ पर दबाव बनाने के लिए उक्त लोग मेरा यह झूठा वीडियो प्रसारित कर रहे हैं। हालाँकि मैं उन लोगों को नहीं जानता जो मुझसे पैसे वसूलने आए थे, तथापि, जरुरत पड़ने पर मैं उनकी पहचान करने की स्थिति में होऊंगा और इस आशय का एक सीसीटीवी फुटेज पहले ही पुलिस प्रशासन को सौंप दिया गया है।’
दिनांक: 19.09.2024
सेवा में,
स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO), थाना जॉर्ज टाउन, प्रयागराज कमिश्नरेट , उत्तर प्रदेश पुलिस
महोदय,
यह एक कथित वीडियो के संबंध में है जो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है, जिसमें मुझे कथित तौर पर एक वाहन पर खड़े होकर किसी सभा में एक गाने पर नृत्य करते हुए…
— VIVEK KUMAR (@kmrvivek14) September 19, 2024
काफी टाइम पुरानी है वीडियो
उन्होंने आगे कहा, ‘इस संबंध में, मेरे लिए यह बताना महत्वपूर्ण है कि उक्त घटना बहुत पुरानी है जिसमें कथित बंदूक एक खिलौना मात्र है जो लकड़ी से बनी है। उक्त खिलौना मेरा नहीं है और उत्सव के दौरान पास खड़े किसी व्यक्ति ने इसे मुझे सौंप दिया था। उक्त बंदूक अब अस्तित्व में नहीं होगी क्योंकि यह एक खिलौना मात्र था जो केवल मनोरंजन के उद्देश्य से था। उक्त वीडियो के प्रसारित होने का समय अत्यंत महत्वपूर्ण है जो की उपरोक्त एफआईआर की विवेचना के दौरान है तथा विवेचना को बाधित करने के उद्देश्य से वाइरल किया गया है।’
बदनामी के लिए फैलाया जा रहा है वीडियो
विवेक ने आगे कहा, ‘उपरोक्त विडिओ एक नेगटिव जनमत के लिए भी फैलाया गया है जिससे विवेचना बाधित हो जाए। उपरोक्त एफआईआर मेरे द्वारा दर्ज कराई गई थी और वास्तविक दोषी मेरे खिलाफ ऐसी झूठी अफवाह फैला रहे हैं ताकि मैं अपनी शिकायत वापस लेने के लिए उनके दबाव के आगे झुक जाऊं। इस संबंध में, यूपी राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति ने मुझे सुरक्षित महसूस करने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जानकारी में वास्तविक अपराधियों को सामने लाने में मदद की है। यद्यपि संबंधित घटना काफी पुरानी है और क्योंकि संबंधित घटना के दौरान अधोहस्ताक्षरी को यह नहीं पता था कि इसका उपयोग इस तरीके से किया जाएगा, इसलिए इसे स्पष्ट रूप से याद करना मुश्किल है परंतु अधोहस्ताक्षरी की सर्वोत्तम जानकारी और विश्वास के अनुसार, उक्त वीडियो फरवरी 2021 के आसपास बुलंदशहर का है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं उत्तर प्रदेश राज्य में व्यावसायिक संचालन के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों से भी मदद चाहता हूं तथा अभी तक के कर्तव्य पालन की सराहना करता हूँ। कथित घटना के संबंध में मैं बस यही कहना चाहता हूं।’