पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Election 2021) को लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में लगी हुई है। प्रदेश में 5 चरणों के मतदान हो चुके हैं। पश्चिम बंगाल की 180 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो चुके हैं आने वाले कुछ ही दिनों में शेष 114 सीटों पर 3 चरणों में चुनाव होने वाले हैं। देश में कोरोना के मामले भी बेतहाशा बढ़ते जा रहे हैं।
लेकिन राजनीतिक पार्टियों की रैलियों और जनसभाओं पर किसी भी तरह का कोई लगाम लगता नहीं दिख रहा। नेताओं की रैलियों में कई हजार लोगों की भीड़ पहुंच रही है और सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ती दिख रही।
पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोरोना के खतरे को देखते हुए पश्चिम बंगाल (West Bengal) में अपनी चुनावी रैलियों को रद्द करने का ऐलान किया। जिसके बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने भी ऐलान कर दिया है कि वह बाकी चरणों के लिए चुनाव प्रचार नहीं करेंगी।
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन करेंगी बैठक
TMC के दिग्गज नेता और सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘बंगाल चुनाव को लेकर सीएम ममता बनर्जी अब कोलकाता में प्रचार नहीं करेंगी। वह प्रतीकात्मक तौर पर शहर में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सिर्फ एक बैठक करेंगी। बाकी सभी जिलों में भी उन्होंने चुनावी रैलियों का समय घटा दिया है। अब वही सिर्फ 30 मिनट की रैली करेंगी।’
राहुल गांधी ने किया ऐलान
ममता बनर्जी से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड़ से सांसद राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर अपनी चुनाव रैलियों को रद्द करने का ऐलान किया था। उन्होंने बंगाल में अभी तक सिर्फ दो ही रैलिया की थी। राहुल ने ट्वीट में लिखा था कि ‘कोविड संकट को देखते हुए, मैंने पश्चिम बंगाल की अपनी सभी रैलियां रद्द करने का निर्णय लिया है। राजनैतिक दलों को सोचना चाहिए कि ऐसे समय में इन रैलियों से जनता व देश को कितना खतरा है।’
देश में एक्टिव मामले 19 लाख से ज्यादा
बता दें, ममता बनर्जी ने इससे पहले ही चुनाव आयोग से मांग की थी कि बंगाल के बाकी चरणों के चुनाव एक साथ कराए जाएं। गौरतलब है कि देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2 लाख 71 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए है और 1619 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना के एक्टिव मामले 19,29,329 पहुंच गए हैं। अभी तक 1,29,53,821 लोगों का सफल इलाज किया जा चुका है और 1 लाख 78 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।