देश में कोरोना की दूसरी लहर से स्थिति दयनीय बनी हुई है। इन दिनों हर रोज 2 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं और संक्रमण के कारण हजारों लोगों की मौते हो रही है। पहली लहर की अपेक्षा कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक थी। जिसमें संक्रमण के कारण लाखों लोगों की जिंदगियां चली गई।
एक्सपर्ट्स की मानें तो देश में दूसरी लहर का पीक आकर चला गया है। देश में हालात अब बेहतर होने की स्थिति में पहुंच रहे हैं। कोरोना की इस दूसरी लहर करोड़ो परिवार पूरी तरह तबाह हो गए। लाखों बच्चे अनाथ हो गए तो वहीं, कई परिवारों में कमाने वाले व्यक्ति की मौत हो गई। देश के तमाम राज्यों ने अनाथ बच्चे और ऐसे परिवारों के लिए नई योजनाए शुरु की है।
इसी बीच वाईएसआर कांग्रेस शासित आंध्र प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए काफी बड़ा कदम उठाया है। राज्य के मुख्यमंत्री एस जगन मोहन रेड्डी ने बीते दिन गुरुवार को COVID-19 के कारण अपने माता-पिता को खो देने वाले बच्चों को सहायता के रूप में 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
अभी तक 34 बच्चों का किया जा चुका है डिपोजिट
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘सरकार को उम्मीद है कि वो प्रति बच्चा 10 लाख का फिक्स डिपोजिट कर देंगे जिसका इस्तेमाल बच्चे पढ़ाई- लिखाई के लिए कर सकते है। यह राशि तब तक फिक्स डिपोजिट (FD) के तहत रहेगी जब तक कि बच्चा 25 साल का नहीं हो जाए।‘
बताया जा रहा है कि आंध्र प्रदेश में अभी तक एक सप्ताह के भीतर 34 अनाथ बच्चों की पहचान कर उनमें से प्रत्येक के नाम पर फिक्स डिपोजिट बांड जारी किया गया है। सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश जारी किए हैं जिसके अनुसार सभी जिला कलेक्टर अपने जिले में इस नए योजना को पारदर्शी रूप से लागू करेंगे।
राज्य में अब तक 10 हजार से ज्यादा मौतें
बता दें, आंध्र प्रदेश सरकार की इस योजना का लाभ 18 साल से कम उम्र के वो बच्चे उठा सकते हैं जिनका परिवार गरीबी रेखा के नीचे आता है। दूसरी ओर आंध्र प्रदेश में कोरोना के मामले काफी ज्यादा आ रहे हैं। राज्य में अब तक 16 लाख 27 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। जिनमें से 14 लाख 24 हजार से ज्यादा लोगों का सफल इलाज किया जा चुका है और अब तक संक्रमण के कारण 10,427 लोगों की मौत हो चुकी है।