आज से कुछ महीने पहले तक भारत चीन के रिश्तों को लेकर ‘हिंदी चीनी भाई-भाई’ का नारा दिया जाता था। लेकिन बीते साल से दोनों देशों के रिश्तों में काफी खटास देखने को मिली हैं। भारत और चीन के बाद बॉर्डर विवाद के चलते तल्खियां बढ़ी हैं। सालों बाद ऐसा हुआ जब भारत चीन बॉर्डर पर झड़प हुई, जिसमें दोनों तरफ काफी नुकसान पहुंचा। हालात तो इतने बिगड़ गए थे कि युद्ध जैसी स्थिति बनती नजर आ रही है।
‘एक दूसरे पर शक करना बंद करें’
भारत ने इस पूरे विवाद के दौरान चीन को उसी की भाषा में जवाब हुआ, जिसके चलते ड्रैगन झुकने को मजबूर हुआ और अब विवाद सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अब दोनों देशों के बीच विवाद थोड़ा सुलझता हुआ दिख रहा है। वहीं इसी बीच अब चीन एक बार फिर से भारत को दोस्ती की राह पर आगे बढ़ने की सलाह दे रहा है। चीनी विदेश मंत्री ने रविवार को एक बयान देते हुए ये कहा कि भारत और चीन को एक दूसरे को गिराने बंद करना चाहिए। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे के लिए शक के भाव को कम करना चाहिए और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे दोनों देशों में सीमा विवाद का हल निकले।
‘सीमा विवाद इतिहास की देन’
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच दोस्ती के अच्छे रिश्ते रहे हैं, लेकिन अब आपसी शक को खत्म करने की जरूरत है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होनें कहा कि इस पूरे विवाद को दोनों देशों द्वारा सुलझा लिया जाना और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना बेहद महत्वपूर्ण है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी आगे ये भी बोले कि सीमा विवाद एक ऐसी चीज है, जो इतिहास में छूट गई। लेकिन ये भारत-चीन के रिश्तों की पूरी कहानी नहीं है।
गौरतलब है कि चीनी विदेश मंत्री का भारत चीन की दोस्ती को लेकर ये बयान ऐसे वक्त में जब दोनों देशों के बीच पूर्व लद्दाख को लेकर समझौता हुआ और अपने सैनिक पीछे हटाने के लिए तैयार हुए। भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच पूर्व लद्दाख से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों भारत चीन के रिश्तों का क्या होता है…क्या एक बार फिर दोनों देश विवाद को पूरी तरह सुलझाकर दोस्ती की राह पर दोबारा से आगे बढ़ते है या फिर नहीं?