छत्तीसगढ़ की बीजापुर में एक बड़ा ही भयंकर नक्सली हमला हुआ, जिसमें देश ने अपने 24 जवानों को खो दिया। इस पूरे मामले ने एक बार फिर से झकझोर कर रख दिया है। पहले से घात लगाकर बैठे 400 के करीब नक्सलियों ने बड़े ऑपरेशन की प्लानिंग कर रख थीं। इस मामले को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे है… आखिर कैसे नक्सलियों को सुरक्षाबलों के अभियान के बारे में पता लगा? मामले के पीछे का मास्टरमाइंड कौन है? और कहां पर इतनी बड़ी चूक हो गई?…आइए आपको छत्तीसगढ़ में हुई इस घटना के बारे में विस्तार से सबकुछ बता देते हैं…
बड़े ऑपरेशन के लिए गए थे जवान
इस पूरे हमले का मास्टरमाइंड बताया जाता है हिड़मा। वो छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों को अंजाम देता था। CRPF, कोबरा, एसटीएफ और डीआरजी के 2 हजार से भी ज्यादा जवान हिड़मा की इलाके में मौजूदगी की गुप्त सूचना पर सर्च ऑपरेशन के लिए गए थे। शनिवार सुबह जवानों की एक टुकड़ी को ये सूचना मिलीं कि जोनागुड़ा के पास बड़ी संख्या में नक्सली छिपे है। जिसके बाद प्लान बनाकर जवानों को भेजा गया।
नक्सलियों के पास थे आधुनिक हथियार
नक्सली छुपे होने की भ्रामक सूचना खुद नक्सलियों ने ही सिक्योरिटी फोर्स तक पहुंचाई थीं। जिससे जंगल के उस इलाके में सुरक्षाबलों को बुलाया जा सके, जहां पर वो घात लगाकर बैठे थे। इस दौरान जवानों को घेरकर नक्सलियों ने उनपर हमला किया। नक्सली आधुनिक हथियारों से लैस थे। खबरों के मुताबिक नक्सली U शेप में घात लगाकर बैठे थे और जैसे ही जवान वहां पर पहुंचे उन्होनें गोलियां बरसानी शुरू कर दीं।
नक्सली इस दौरान ऊपर के इलाकों में छिपे हुए थे। इसलिए सुरक्षाबलों का उनको निशाना बना पाना मुश्किल हो रहा था। ये देखकर जवानों की एक टुकड़ी ने गांव की तरफ जाने की कोशिश की, लेकिन नक्सली उनका पीछा करते करते वहां भी पहुंच गए। रास्ते में ही उन्होनें जवानों को घेर लिया। नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर हथियार और सारा सामान लूट लिया।
इस पूरे हमले के पीछे नक्सली कमांडर हिड़मा की प्लानिंग बताई जा रही है। हालांकि इसमें बड़ी संख्या में नक्सलियों के भी मारे जाने की खबर है। बस्तर IG सुंदरराज के मुताबिक जहां पर ये पूरा एनकाउंटर हुआ, वो इलाका मास्टरमाइंड नक्सली कमांडर हिड़मा का गांव है। हमले में उसी के ग्रुप के सदस्य थे। घटनास्थल पर 250 से ज्यादा नक्सली मौजूद थे, जिन्होनें चारों तरफ से जवानों को घेर लिया।
क्यों IG नक्सल ऑपरेशन नलिन प्रभात पर उठ रहे सवाल?
पूरे मामले को लेकर IG नक्सल ऑपरेशन नलिन प्रभात सवालों के घेरे में हैं। दरअसल, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 11 साल पहले इससे भी खतरनाक नक्सली हमला हुआ था, जिस,में CRPF के 76 जवान शहीद हुए थे। तब नलिन प्रभातव CRPF के DIG थे। वहीं एक साल पहले 21 मार्च को सुकमा के चिंतागुफा में भी एक नक्सली हमला हुआ, जिसमें 17 जवान शहीद हुए। इस वजह से नलिन प्रभात पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष की तरफ से ये सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर बार-बार नाकाम होने के बाद भी नलिन प्रभात को बड़ी जिम्मेदारी क्यों दी जा रही है।