14 जुलाई को लॉन्च हुआ चंद्रयान-3 अब अपने अंतिम पड़ाव पर है और अब 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की सतह पर लैंड करेगा. जहाँ इस चंद्रयान-3 को लेकर कहा गया था कि ये पहले पृथ्वी के चक्कर लगाएगा उसके बाद चंद्रयान-3 चांद के चक्कर लगाएगा और आखिर में चांद पर लैंड होगा. लेकिन चंद्रयान-3 से पहले चांद पर कई सारे मिशन एक्टिव हैं और इस वजह से चंद्रयान-3 को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
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चाँद पर 6 मिशन हैं एक्टिव
जानकारी के अनुसार, चंद्रयान-3 से पहले नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के दो मिशन हैं जो चाँद के मिशन पर है पहले मिशन का नाम आर्टेमिस पी1 और दूसरे मिशन का नाम आर्टेमिस पी2 है और ये दोनों इस समय चांद की कक्षा में घूम रहे हैं.
इसके बाद नासा का चंद्र टोही ऑर्बिटर (एलआरओ) मिशन भी यहां पर एक्टिव हैं तो वहीं कोरिया पाथफाइंडर लूनर ऑर्बिटर (केपीएलओ) भी यहीं पर है. इसी के साथ नासा का कैपस्टोन 9:2 गुंजयमान और साथ ही इसरो के चंद्रयान-2 भी अभी काम कर रहा है.
चंद्रयान-3 के लिए ये हैं चुनौती
वहीं चंद्रयान-3 के लिए चांग’ई 4 द्वारा भेजा गया चीन का युतु-2 रोवर पहली चुनौती है. चांग’ई इस समय चंद्रमा की सतह पर एकमात्र ऑपरेटिंग रोवर के रूप में खड़ा है, जो सक्रिय रूप से चंद्रमा के दूर के हिस्से की खोज कर रहा है. वहीं लैंडिंग के दौरान चांग’ई 4 की वजह से चंद्रयान-3 को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
इसी के साथ चंद्रमा की कक्षा में कई अंतरिक्ष यान हैं, जो कभी-कभी अपने ओवरलैपिंग रूट्स के कारण कई एक-दूसरे के बहुत करीब आते रहते हैं. और इस वजह से चंद्रयान-3 इन अंतरिक्ष यान से टकरा सकता है.
Chandrayaan-3 Mission:
Orbit circularisation phase commencesPrecise maneuvre performed today has achieved a near-circular orbit of 150 km x 177 km
The next operation is planned for August 16, 2023, around 0830 Hrs. IST pic.twitter.com/LlU6oCcOOb
— ISRO (@isro) August 14, 2023
इन चुनौतियों को पार कर चुका है चंद्रयान-3
के लिए पहली पृथ्वी के ऑर्बिट से सफलतापूर्वक आगे निकलना था जिसको पार करने के बाद दूसरी चुनौती पृथ्वी से चांद तक दूरी तय करना और तीसरी चुनौती चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चांद की कक्षा में पहुंचना था लेकिन चंद्रयान-3 ने इन सभी चुनौतियों को पार कर लिया है. आपको बता दें, चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. यह लॉन्च के दूसरे ही दिन धरती की दूसरी कक्षा में प्रवेश कर गया था और चंद्रयान-3 31 जुलाई और 1 अगस्त की रात धरती की कक्षा से निकलकर चांद की कक्षा की तरफ बढ़ गया था.