चंद्रयान-3 मिशन सफल होने चार महीने के बाद इसरो को एक बड़ी कामयाबी मिली है. दरअसल, इसरो को एरिक्सन लूनर पुरस्कार से नवाजा गया है और ये अवार्ड इसरो को लूनर एक्सप्लोरेशन को आगे बढ़ाने और विशेष रूप से सफल चंद्रयान-3 मिशन के माध्यम से खगोलीय रहस्यों को उजागर करने के महत्वपूर्ण योगदान के लिया दिया गया है.
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ISRO को मिला लीफ एरिक्सन लूनर पुरस्कार
जानकारी के अनुसार, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को आइसलैंड के हुसाविक संग्रहालय द्वारा प्रतिष्ठित लीफ एरिक्सन लूनर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. वहीँ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को प्रतिष्ठित लीफ एरिक्सन लूनर पुरस्कार जीतने पर बधाई दी. जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया, “2023 लीफ एरिक्सन चंद्र पुरस्कार के लिए ISRO को बधाई दी. चंद्रयान देश के लिए और अधिक गौरव लेकर आया है.” विशेष रूप से, भारत की अंतरिक्ष शक्ति की एक महत्वपूर्ण मान्यता में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को आइसलैंड में हुसाविक संग्रहालय द्वारा प्रतिष्ठित लीफ एरिक्सन लूनर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा. संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत चंद्रमा पर सफल लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया और इसी कार्य के लिए इसरो को आइसलैंड में हुसाविक संग्रहालय द्वारा प्रतिष्ठित लीफ एरिक्सन लूनर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
लीफ एरिक्सन लूनर पुरस्कार 2015 से अन्वेषण संग्रहालय द्वारा दिया जाने वाला एक वार्षिक पुरस्कार है. इसका नाम लीफ एरिक्सन के नाम पर रखा गया है. वह एक नॉर्स खोजकर्ता है, जिन्हें क्रिस्टोफर कोलंबस के अभियान से लगभग चार शताब्दी पहले महाद्वीपीय अमेरिका पर पैर रखने वाला पहला यूरोपीय माना जाता था.
चंद्रयान-3 मिशन ने रचा इतिहास
आपको बता दें, 14 जुलाई 2023 को भारत ने अपना मून मिशन चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था और 23 अगस्त 2023 की शाम छह बजकर चार मिनट पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मिशन चंद्रयान-3 ने चाँद पर सफलतापूर्वक लैंड कर लिया है. वहीं इस लैंडिंग के करीब 2.30 घंटे बाद प्रज्ञान बाहर आया और उसने अपना काम शुरू कर दिया है. जहाँ चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक लैंड होने पर भारत को इस कामयाबी की ढेर सारी बधाई मिली तो वहीं देश-विदेश के मीडिया में भी भारत की इस कामयाबी की चर्चा रही.
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