लखीमपुर खीरी की आग में सियासत भी गर्म होने लगी है। यूपी की राजनीति का एक उभरता चेहरा भी काफी सुर्खियों में हैं और वो चेहरा हैं चंद्रशेखर रावण। दरअसल, सियासी नेताओं ने लखीमपुर खीरी की बिसात पर बीजेपी को एक साथ घेरना शुरू कर दिया है। चाहे प्रियंका गांधी हों या फिर अखिलेश यादव, लेकिन चंद्रशेखर रावण ने लखीमपुर खीरी के ग्राउंड जीरो तक पहुंच गए। लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में च्ंद्रशेखर रावण मोटरसाइकिल से पहुंचे।
बताया जा रहा है कि वो 7 घंटे तक मोटरसाइकिल चलाकर ग्राउंड जीरो पर पहुंचे थे। कुछ इसी तरह से चंद्रशेखर ने हाथरस कांड के दौरान भी हिम्मत दिखाई थी और वो पीड़ित लड़की से मिलने पहुंचे थे। उनके काफिले को तब अलीगढ़ के जमौन्हा टोल पर रोक दिया गया था, लेकिन पुलिस को चकमा देकर रावण अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज पहुंचकर पीड़िता और उसकी फैमिली से मिले थे।
आज जब किसानों की मौत हुई तब भी चंद्रशेखर रावण ग्राउंड जीरो गांव में पहुंच गए। चंद्रशेखर ने एक ट्वीट कर कहा कि अगर सरकार मुझे सूली पर भी चढ़ा देती तो भी मैं शहीद किसानों को नमन करने जरूर पहुंचता। किसानों की लाशों पर मुस्कुराना बंद करें मोदी जी। अभी भी वक्त है, किसानों की तकलीफ समझिए और किसान विरोधी तीनों कानून वापस करें।
चंद्रशेखर हर मौकों पर आगे खड़े रहते हैं…पीड़ित, दलित या फिर किसानों को सपोर्ट करना हो। आपको बता दें कि अभी फिलहाल विपक्षी दलों के लगभग हर एक नेता लखीमपुर खीरी जाने के लिए उतारू है, तो वहीं लखीमपुर खीरी में सतर्कता बरतते हुए इंटरनेट सेवाओं को बंद रखा गया है।
हुआ ये था कि लखीमपुर जिला मुख्यालय से लगभग 75 किलोमीटर दूर नेपाल बॉर्डर के पास ही तिकुनिया गांव जहां हुई हिंसा और आगजनी में फिलहाल आठ लोगों की जान चली गई। इनमें चार की पहचान किसान के तौर पर की गई है तो वहीं चार अन्य लोग भी शामिल हैं। चार अन्य लोगों में दो जो है वो बीजेपी कार्यकर्ता थे और दो ड्राइवर थे। इसके अलावा 15 से ज्यादा लोग जख्मी हैं।